
जमशेदपुर। गोलमुरी पुलिस लाइन स्थित आवासीय कॉलोनी के एक फ्लैट में 21 जुलाई को बंद फ्लैट से मृत मिले महिला कांस्टेबल सविता रानी हेम्ब्रम, उनकी माँ और बेटी की मर्डर की गुत्थी पुलिस टीम ने 15 घंटे में सुलझा ली है. पुलिस की तफ्तीश में इस तिहरे हत्याकांड को आरक्षी चालक रामचन्द्र सिंह जामुदा ने अंजाम दिया था. जिसके खिलाफ पुलिस को पर्याप्त साक्ष्य भी मिले हैं.
शनिवार को मामले का उदभेदन करते हुए जिले के एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि एसएसपी ऑफिस में कार्यरत महिला क्लर्क सविता रानी हेम्ब्रम , उसकी बेटी गीता और माँ लखिया मुर्मू की हत्या गेयर लीवर से वार कर की गई थी. सविता के घनिष्ठ आरक्षी चालक दोस्त सोनारी कागलनगर निवासी रामचंद्र सिंह जामुदा ने ही इन तीनों की ह्त्या की थी. एसएसपी ने बताया कि अभियुक्त रामचन्द्र जामुदा को सविता पर शक हो गया था कि उसकी किसी और से दोस्ती हो गई थी. सविता उससे बातें भी किया करती है. एसएसपी ने बताया कि आरोपी जामुदा का टारगेट सविता के दोस्त को रास्ते से हटानेकी थी लेकिन 19 जुलाई की रात जब वह पुलिस लाइन स्थित फ्लैट में गया तो किसी बात लेकर अनबन हो गई, तभी उसने पहले सविता को उसके बाद बीच बचाव में आई बेटी को और फिर सविता की माँ को बारी-बारी से हमला कर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद दरवाजे को बाहर से ताला बंद कर फरार हो गया. घटना के बाद गोलमुरी थाना में मामला दर्ज करते हुए एएसपी सुधांशु जैन के नेतृत्व में एस आई टी का गठन किया गया था. सिटी एस पी के विजय शंकर मामले की क्लोज मॉनिटरिंग खुद कर रहे थे, जबकि सीसीआर डीएसपी, मुख्यालय टू डीएसपी व कई तेज तर्रार थाना प्रभारियों को मामले के उद्भेदन में लगाया गया था. टीम ने 15 घंटे के अंदर तकनीकी अनुसन्धान करते हुए मामले से पर्दा उठा दिया. एसएसपी ने बताया कि जिन चार लोगों को पूछताछ के लिए रखा गया था, उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने के कारण छोड़ दिया गया है. घटना में प्रयुक्त गियर लिवर, खून से सने कपड़े और दो मोबाईल फोन जब्त किया गया है. उन्होंने कहा कि जो भी साक्ष्य पुलिस ने बरामद किया है उसके अनुसार अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी