सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन के रानीबाग ढ़ाला के समीप की घटना
सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट:-
अनुमंडल क्षेत्र के बनमा-ईटहरी प्रखंड के जमालनगर का रहने वाला एक बुजूर्ग मो ईशा परिवारीक कलह की वजह से आत्महत्या करने का प्रयास किया लेकिन ट्रेन ड्राईवर की मेहरबानी से उसने ट्रेन रोक आत्महत्या करने से रोक यह कहावत चरितार्थ दिया कि जाको राखे सांईया मार सके ना कौय।
गुरूवार को सहरसा मानसी रेलखंड के सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन के रानीबाग ढ़ाला के समीप जब पटना सहरसा इंटरसिटी एक्सप्रेस सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन इन कर रही थी कि ठीक ढाला से पहले रेल पटरी के बीचो-बीच एक बुजूर्ग को पटरी पर लेटा देखा उसने पहले बहुत हार्न बजाया लेकिन वह बुजूर्ग पटरी पर से नही उठा तो उसने ट्रेन को धीरे धीरे रोक दिया। तब तक आसपास के ग्रामीण भी रेल ट्रैक पर पहुंच गए और सभी ने मिलकर बुजुर्गों को ट्रैक से उठाया।
बुजुर्ग ने स्थानिय लोगो को बताया कि वह आत्महत्या करना चाहता हैं,जब इसका कारण पुछा गया तो उसने बताया कि परिवारीक कलह की बजह से अब इस दुनिया में नही रहना चाहता हूं। उसने बताया कि उसे चार पुत्र और तीन पुत्री है परंतु बुढ़ापे की इस पनघट पर उन्हें कोई देखने वाला नहीं है परिवार के सदस्यों ने उसे घर से निकाल दिया है।
वही बुजुर्ग को ट्रेक पर से स्थानिय लोग मोहम्मद शमशाद आलम, मोहम्मद रेहान, मोहम्मद मसूद मोहम्मद सद्दाम मोहम्मद साहब आदि उठा पानी पिलाया और अपने साथ रानीबाग बाजार की ओर चला गया।
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