सरायकेला(चांडिल)।
कहते है करनी और कथनी में काफी अन्तर है । युग परिर्वतन की बात करते है । आधुनिक युग में जीने की बात करते है । जब समस्या से रूबरू होती है तो पश्यात् समाजिक नियमों को बाध्यक बना कर बचने का प्रयस करते है । ज्ञात हो की 22 अगस्त 19 वर्षीय युवती बीच सड़क पर प्रसव का ममाले में आज 48 धंटे बाद जिला प्रशासन के पहल से बाल सुधार गृह खुंटी सहयोग भीलेज संस्थान को विधिवत् रूप से चांडिल अनुमंडलीय स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा सौपा गया । वही राजकित प्राथमिक विधालय के जन्म प्रमाण पत्र ने 19 वर्ष बताया गया । इस प्रक्रिया में जिला वाल बेल्फेयर सोसाईटी के चयेर मेन, रेड क्रास, बाल विकास पदाधिकारी,चांडिल, डॉ0 लखीन्द्र हांसदा उपस्थित थे ।
दुसरी और संगीता सिंह मुण्डा के बालिक होने के प्रमाण से पदाधिकारीयों के होस उड़गे और संगीता के मां को समझाने की प्रयास किया गया की संगीता और उसके बच्ची को घर रखने को कहा गया । संगीता की मां ने रोते हुये पदाधिकारी को कहा रखना चाहती पर रखूगी तो समाज से बहार निकाल देगा हम विधवा कहां जायेगें । अब संगीता को बच्चों को जनम देने की जो लड़ाई लड़ी आज अपने भी साथ देने से इंकार कर रही है । वही जहां सरकार समाज के रूड़ीवाद को खत्म करने के लिए कई जगरूकता शिविर पर लाखों रूपये खर्च किया जाता वही आज संगीता स्वार्थी समाज के शिकार आज समाज से ही क्या न्याय की उम्मीद कर रही है ।
उक्त मामले में ग्रामीणों के जागरूकता ने संगीता और बच्चों को सरकारी संरक्षण प्राप्त हुआ । जिसे समाज समसार होने बच सका । आज भी और कई संगीता स्वार्थी समाजिक भेड़ियों का शिकार होरही है और मौत को गले लगा रही है । यदि समाज को 21 वीं शदी की बात करते है और परिवार्तन लाना चाहते है तो मानसिक रूप से परिर्वतन होना चाहिये ।
महावीर महतो (जिला चाईल्ड बेल्फयर सोसाईटी चयेरमेन ) ने बताया की संगीता का जन्म प्रमाण पत्र विद्यालय के अधार पर 19 वर्ष बताया गया है । जिस कारण यह बालिक है बच्चे के गोद लेने की प्रक्रिया में नही आती है । तत्काल सहयोग भीलेज संस्थन में रखा जा रहा है चुकि मानसिक रूप से सही नही है रिम्स में इलाज कर । मां पिता को सौप दिया जायेगा ।
विभा सिन्हा ( सीडीपीओ चाण्डिल) ने बताया की मुखिया एवं जनप्रतिनिधि के सहयोग से समाजिक वैठक आयोजित कर न्याय दिलाने का प्रयास किया जायेगा । ताकी मां और बच्चा दो ही सुरक्षित समाज में जी सके ।
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