अरुण
सरायकेला।
ईचागढ-प्रखंड के बैक आँफ इंडिया मिलनचौक शाखा में बृद्धा पेंशन भूगतान के लिए एक 70 बर्षीय बृद्धा को खटीया का डोली मे 10 किलोमीटर ढो कर लाया गया । बैक शाखा मे बृद्धा पेंशन आदि का भूगतान के लिए बैंक मित्र को घर जाकर भूगतान करना है । मगर मिलनचौक शाखा मे बृद्धाओं को खटीया का डोली मे 10 किलोमीटर का सफर तय कर 1000 रूपये के लिए लाना पढता है । पूर्व में मुखीया या पंचायत प्रतिनिधीयो द्वारा पहचान करने पर चलफीर नही सकने या अधिक उम्र के पेंशनधारियों के परिजनों को भूगतान किया जाता था । सोमवार को हाङात गाँव के 70 बर्षीय हरिबोल घासी के परिजन कय सप्ताह तक बैक का चक्कर काटते रहा । हरिबोल घासी के पुत्र शिवाजी घासी ने बताया कि बैक मित्र द्वारा बायोमैट्रिक मशीन मे अंगुठा से पहचान नही होने का बात कहकर घुमाते रहता है । गाँव से 10 किलोमीटर पिताजी को ढो कर बैक आफ इंडिया मिलनचौक लाना पढा । मात्र एक हजार का पेंशन भूगतान के लिए पूरे परिवार को मजदूरी छोङ कर बैक लाकर भूगतान लेना पढ रहा है । दिन भर का मजदुरी भी मार खा गया । हम अत्यंत गरीब हरिजन हूँ दिन भर पूरे परिवार मजदुरी कर गुजारा करते है ऐसे मे बृद्धा पेंशन के लिए बुङे बाप को हर महीने ढो कर लाना संभव नही है । इस संवंध मे शाखा प्रवंधक आकाश महतो से पूँछे जाने पर कहा बैक मित्र को देखना है मगर बैक मित्र को घर जाकर भूगतान करना कोई बाध्यता नही है । चलफीर नही सकने या बीमार पेंशनधारियों के लिए कुछ नियम बनाया जाएगा । मचखीया पंचानन पातर उप मुखीया मनोज कुमार महतो ने बताया की पूर्व की तरह बीमार या अतिबृद्ध पेंशनधारियों का भूगतान पंचायत प्रतिनधियों के अनुशंसा पर भूगतान करना चाहिए ताकी अक्षम बृद्ध व्यक्तियो को परेशानी नही हो ।
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