सरायकेला-चांडिल एसएनएमएम सेवा संस्था ने शिश महल में मनाया 25 वॉ करमा महोत्सव

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सरायकेला-खरसवॉ।

चांडिल।करमा देव की पुजा झारखंड में प्राचीन समय से लोक गाथाओं के आस्था पर किया जाता है. यह झारखंड का एक प्राचीन पर्व है जिसे कुमारी कन्याओं द्वारा विषेष रुप से पारंपरिक विधि के अनुसार मनाया जाता है. शहीद निर्मल महतो महामानव सेवा संस्था, आसर व चांडिल बांध विस्थापित मत्स्य जीवी स्वावलंबी सहकारी समिति ने इस साल शिश महल चांडिल डैम में 25वॉ करमा महोत्सव का आयोजन किया. महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक साधु चरण महतो ने कहा कि करमा पुजा लोक कथाओं में जीवित एक परंपरा है, जिसमें हमारी झारखंडी संस्कृति की सुखद अभिव्यक्ति के दर्शन मिलते है. इसके गीतों मंत्र मुग्ध करने की क्षमता है. झारखंड़ की झलक के साथ लहलहाते धान की चमक है. उन्होंनें कहा कि करमा ही झारखंड की महान संस्कृति की सही अभिव्यक्ति है. उन्होने कहा कि करमा परंपरा का एक अध्याय है. विशिष्ट अतिथि एस बी कॉलेज चांडिल के प्राचार्य डॉ0 जी पी रजवार ने कहा कि प्रकृति पर्व करमा का अर्थ है कर्म ही धर्म है और धर्म-कर्म ही जीवन में सफलता का एक राज है.कार्यक्रम का संचालक अधिवक्ता महेन्द्र महतो ने किया.

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इस अवसर सम्मानित अतिथि जे के जे एस एम इंटर कॉलेज के प्राचार्य ज्ञान चांद महतो, आमंत्रित अतिथि समाज सेवी अरुण कुमार बागड़ीया, संस्था के संस्थापक डॉ0 भरत सिंह,गुरू चरण किस्कु, सुरेश खैतान, सुखरामहेम्ब्रम, पप्पूवर्मा, रमेश सिंह मुंडा, नारायण गोप, श्यामल मार्डी, रामकृष्ण महतो, समीर कुमार, अरूप सिंह, अमलेश महतो, कमलेश महतो, बंकबिहारी महतो, दिनबंधु महतो, बिनय कुमार महतो, लक्ष्मी सिंह, विभा कुमारी, मंजु कुमारी, अंजली कुमारी आदि उपस्थित थे.

झुमुर सम्राट संतोष महतो के दलों ने दर्शकों को जमकर झुमाया
करमा महोत्सव में झुमुर सम्राट संतोष महतो के दल में शामिल गायक-गायिका व कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक लोक गीत-नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको को जमकर झुमाया. झुमर टीम द्वारा करमा गीत के साथ विभिन्न क्षेत्रिय भाषा में झुमर प्रस्तुत किया.
योगप्रमाण पत्र का वितरण :मुख्य अतिथि विधायक साधु चरण महतो, विशिष्ट अतिथि, प्राचार्य डॉ0 जी पी रजवार, ज्ञानचांद महतो, रामकृष्ण महतो, अरूण बगाड़ीया आदि द्वारा सभी प्रशिक्षण प्राप्त योग प्रशिक्षुओं के बीच योग प्रमाण का वितरण किया गया.

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