लोहरदगा ।
जिला में आज झारखंड पुलिस के लिए एेतिहासिक क्षण रहा। जहां पुलिस के कार्यों में तीव्रता एवं तीक्ष्णता लाने के लिए न केवल अनुसंधानकर्ता को आधुनिक रूप से प्रशिक्षित किया गया , बल्कि सामग्रियों से सुसज्जित अनुसंधान केन्द्र उन्हें समर्पित कर अनुसंधान एवं अभियोजन को मजबूत करने का प्रयास किया। इस सम्मेलन में प्रशिक्षण देने के लिए पूरे राज्य से विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ यथा- विधि-विज्ञान प्रयोगशाला रांची, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, विशेष शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग, यूनिसेफ, साइबर थाना रांची एवं कई अन्य विधि विशेषज्ञ भाग ले रहे है। सम्मेलन का शुभारंभ सुबे के पुलिस महानिदेशक डीके पाण्डेय एवं पुलिस महानिरीक्षक रांची के कर कमलों द्वारा किया गया। इस मौके पर पुलिस कर्मी को सबोधित करते हुए कहा कि 60 दिनों में खत्म करेंगे झारखंड से नक्सलवाद ,नक्सलियों के लिए गोली की कमी नहीं होगी। अब समय आ गया है कि सीआरपीएफ नहीं झारखंड पुलिस खुद लड़े नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई। लोहारदगा में अनुसंधान कर्ताओं के सम्मेलन सम्मेलन को संबंधित कर रहे थे डीजीपी। लोहरदगा में अपराध नियंत्रण को ले 12 सॉफ्टवेयर का हुआ शुभारंभ। आधुनिक अनुसंधान केंद्र का भी हुआ शुभारंभ। डीजीपी ने एसपी कार्तिक एस के प्रयास के लिए थपथपाई पीठ।
साथ में राज्य के कई अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान एवं विधि-व्यवस्था) आर के मल्लिक, पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग झारखंड के अजय कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक आशीष बत्रा, पुलिस महानिरीक्षक नविन कुमार सिंह, पुलिस उप-महानिरीक्षक एवी होमकर समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों के गरिमामय उपस्थित थे।
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