राष्ट्रीय सक्षमता कोष की स्थापना होनी चाहिए – राजाराम

314

छत्तीसगढ़ दौरे के क्रम में  विजय सिंह ,बी.जे.एन.एन.  ब्यूरो ,से  खास मुलाकात ,4 जनवरी,2015
देश में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय सक्षमता कोष की स्थापना होनी चाहिए ,जिसमे न सिर्फ पूँजीपति  और उधोगपति बल्कि देश के हर छोटे बड़े नागरिकों का क्षमता अनुसार योगदान होना चाहिए..किसान ,मजदूर, कामगार हरेक तबके के लोगों का इसमें योगदान होना चाहिए.इस कोष में प्राप्त होने वाली राशि को देश के विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है.देश की सुरक्षा के लिए राशि खर्च हो सकती है.टैक्स बढ़ा कर जनता से पैसे इकठ्ठा करना सरकार की बहादुरी नहीं है,जनता को देश से जोड़ कर स्वेच्छा से प्राप्त पैसे से ज्यादा राशि देश के खजाने में जमा की जा सकती है. उक्त विचार छत्तीसगढ़ दौरे के क्रम में बस्तर जिले के नगरनार में बस्तर किसान विकास मंच के सचिव राजाराम यादव ने बी.जे.एन.एन.से साझा की.. उन्होंने  वैज्ञानिकों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने की बात कही ताकि मंगलयान की तरह देश के वैज्ञानिक अधिक से अधिक खोज कर नए अविष्कार कर सके और देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके.
श्री राजाराम ने किसी भी रूप में धर्म परिवर्तन को निंदनीय कहा.. .कोई भी व्यक्ति जिस धर्म में जन्म लेता है ,उसे उसी धर्म के प्रति आस्थावान और निष्ठावान  होना चाहिए ..विशेषतः हिन्दू जीवन पद्धति की एक जीवटता है और हिन्दू होने के  नाते मैं  हिन्दू धर्म को सर्वश्रेष्ठ  भी मानता हूँ..
पेशे से एक अवकाश प्राप्त शिक्षक (माध्यमिक विध्यालय,जगदलपुर  के प्रधानध्यापक पद से अवकाश प्राप्त ) मूलतः इलाहाबाद ,उत्तर प्रदेश के रहने वाले ७५ वर्षीय राजाराम यादव बस्तर किसान विकास मंच के सचिव हैं और आज भी एक शिक्षक की तरह क्षेत्र के निवासियों और किसानो की बुलंद आवाज़ है.
१९६१ में इलाहाबाद से रोटी की तलाश में जगदलपुर ,छत्तीसगढ़ पहुंचे  मैट्रिक पास (तब) राजाराम यादव को निम्न वर्गीय शिक्षक की नौकरी मिली और तब से वे यहीं के होके रह गए.बाद में नौकरी में रहते हुए उन्होंने एम.ए और बी.एड.तक की पढाई पूरी की. आजकल क्या कर रहे हैं -पूछने पर छूटते ही श्री यादव ने कहा कि अपनी और क्षेत्रवासियों के आत्मिक और बौधिक तरक्की की प्रतिपूर्ति  में लगा हूँ. श्री यादव ने कहा कि आदमी का जीवन सूप की तरह होना चाहिए जो कचड़े को तो निकाल फेंकता है परन्तु अच्छी  सामग्री को अपने आगोश में समेट लेता है. बस्तर क्षेत्र में नए उधोगों के लिए किये जा रहे जमीन अधिग्रहण में श्री यादव किसानो ,उधोगों और प्रशासन के बीच एक विश्वस्त सूत्र के रूप में भी जाने जाते हैं.उनका मानना है कि उधोग जरूर लगे परन्तु किसी किसान के साथ नाइंसाफी नहीं हो.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More