रांची-मुख्यमंत्री ने अमेजन ऑनलाइन शापिंग साइड का किया लांच

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रांची।

मुख्यमंत्री ने अमेज़न ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर लांच किया झारखंड के तसर से निर्मित परिधान, विश्व पटल पर छाया झारखण्ड का तसर
बदलते समय और फैशन की मांग के अनुरूप हमें परिधान तैयार करना होगा- मुख्यमंत्री
देश-दुनिया में पहचान बनाने की संभावना है झारखण्ड के तसर में – मुख्यमंत्री
82% तसर और 62 प्रतिशत लाह उत्पादक राज्य है झारखण्ड- मुख्यमंत्री
4 लाख 80 हजार महिलाओं को 700 करोड़ रुपए खर्च कर सरकार देगी प्रशिक्षण- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि बदलते वक्त के साथ यहां के तसर उत्पादकों और तसर को परिधान का रूप देने वालों को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। फैशन के अनुरूप तथा बाजार की मांग के अनुरूप हमें चलना होगा। ताकि झारखण्ड का तसर विश्व पटल पर अपनी पहचान व्यापक रूप से स्थपित कर सके। तसर उत्पादन और बेहतर परिधान बाजार में उपलब्ध करा हम दुनिया में एक मजबूत बाजार बना सकते हैं। श्री दास गुरुवार को होटल बीएनआर चाणक्या में आयोजित झारखण्ड फैशन फेस्टिवल के उदघाटन समारोह में बोल रहे थे।
श्री दास ने कहा कि झारखण्ड की धरती पर अलग अलग राज्यों से आये लोगों का स्वागत है। राज्य सरकार तसर उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कृतसंकल्पित है। हर संभव सहयोग राज्य सरकार करेगी। झारखण्ड की टेक्सटाइल नीति बेहतर है। अबतक तीन टेक्सटाइल उद्योग का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। आनेवाले दिनों में और भी निवेश होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 82 प्रतिशत तसर का उत्पादन होता है। लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से यहां के कच्चा माल का उपयोग कोई और कर अपनी ब्रांडिंग करता है। झारक्राफ्ट को इस दिशा में कार्य करते हुए एक ब्रांड के रूप में विकसित होना होगा। श्री दास ने कहा कि राज्य में लाह का उत्पादन 62 % होता है। यहां के लाह से बनी चूड़ियां अन्य राज्यों के पहचान से बिकती हैं। इस परिपाटी को हमें बदलना है। इस कार्य हेतु सरकार कार्य कर रही है। राज्य में मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन हो रहा है। इस बोर्ड में 32 हजार गांव की महिलाओं को जोड़ने की पहल होगी। इस तरह करीब 4 लाख 80 हजार महिलाओं को जोड़ने की योजना है। इन महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण पर राज्य सरकार करीब 700 करोड़ रुपए व्यय करेगी।
कुपला कैफ़ेला की निदेशक श्रीमती समिस्था सोम ने कहा कि देश की विशाल धरोहर से प्रभावित हूँ। मैंने भारतीय टेक्सटाइल को चुना और सोशल मीडिया के माध्यम से कई देश में हम कार्य कर रहे है। यहाँ की तकनीक और परिधान सभी को पसंद है। झारखंड में तसर का काम बेहतर है। यहाँ कि महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनको इस उद्योग से जोड़ने की पहल हो रही है। हमसब को मिल कर अपनी संस्कृति और परंपरा को उपभोक्ता तक पहुंचाने की कोशिश करनी है। वक्त और फैशन के अनुसार खुद को बदलने की जरुरत है। लुप्त हो रही कला को फिर से जीवंत कर लोगों तक पहुंचाने की कोशिश होनी चहिये।
जम्मू-काशमीर से आये बिलाई अहमद ने कहा कि काशमीर देश दुनिया में हैंडलूम के लिए जाना जाता है। जम्मू-काशमीर की सरकार ने हैंडलूम में काफी काम किया है, ताकि लोगों को रोजगार प्राप्त हो। केंद्र सरकार ने भी इस उद्योग को आगे लाने और रोजगार श्रृजन हेतु कार्य किया है। हम सब को मिलकर अपने देश की कला को इंडस्ट्री के साथ जोड़ कर रोजगार बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। झारखण्ड का तसर उत्कृष्ठ कोटि का है। यहाँ के तसर को देश दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास होगा। झारखण्ड सरकार को धन्यवाद। यहाँ के अधिकारीयों से सहयोग मिल रहा है। आशा है आगे भी मिलेगा। स्थानीय लोगों को साथ लेकर इस इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने का काम हम मिल कर करेंगे।
इस अवसर पर मुख्यसचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, उद्योग निदेशक श्री के रवि कुमार समेत अन्य मौजूद थे।

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