संवाददाता,रांची12 फरवरी
झारखंड विधानसभा में अकेले बहुमत का आंकड़ा पार करने के बाद भाजपा की सरकार सभी तरह के दबाव से बाहर निकल गयी है। अब इस सरकार को बहुमत के लिए किसी अन्य दल या निर्दलियों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। बुधवार को नई दिल्ली में झाविमों के छह बागी सदस्यों के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद विस में पार्टी की विधायकों की संख्या 43 हो गयी है। बहुमत के लिए 41 विधायकों का समर्थन चाहिए। चुनाव पूर्व गठबंधन के कारण फिलहाल आजसू के पांच विधायक सŸाा पक्ष में है। इसमें एक मनोनित विधायक को जोड़ दिया जाये तो विस में एनडीए के 49 विधायक हो जाते है। किसी कारण बस यदि आजसू अलग भी होता है तो रघुवर सरकार को सदन में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त रहेगा।
विधानसभा में आंकड़ों के नये समीकरण का असर मंत्रिमंडल के स्वरूप पर भी पड़ सकता है। राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार शीघ्र किये जाने की संभावना है। अभी मुख्यमंत्री रघुवर दास के मंत्रिमंडल में चार मंत्री है। जिनमें एक आजसू के चंद्रप्रकाश चैधरी शामिल है। आजसू मंत्रिमंडल में एक और बर्थ चाहता है। पहले की परिस्थिति में वह इसके लिए दबाव भी बना सकता था, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है। मंत्रिमंडल मंे और सात मंत्रियों को शामिल किया जाना है। जाहिर है झाविमो से आनेवाले विधायकों को भी बर्थ मिलेगा। भाजपा में मंत्री बनने की चाहत रखनेवाले विधायकों की कतार लंबी है। विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा पार करने के बाद रघुवर सरकार को मंत्रिमंडल विस्तार में कई अनचाहे दबाव से राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
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