रांची। उत्तरी कश्मीर के हलमतपोरा (कुपवाड़ा) में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में रांची जिले के मांडर प्रखंड के बूढ़ाखुखरा निवासी 32 वर्षीय रंजीत खलखो ने अपनी जान की बाजी लगा दी। आतंकियों से लड़ते वे शहीद हो गए। उनकी की सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। हालांकि, रंजीत खलखो की मां 50 वर्षीय रोलेन खलखो की तबीयत खराब है, इसलिए की सूचना उन्हें नहीं दी गई। गुरुवार की देर रात शहीद रंजीत खलखो का पार्थिव शरीर रांची हवाई अड्डा पहुंच गया। एयरपोर्ट पर सेना के जवानों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। 1इधर, गांव के लोग अपने वीर सपूत का अंतिम दर्शन करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि रंजीत खलखो अब नहीं रहे। गांव के लोगों का कहना है कि रंजीत मिलनसार व्यक्ति थे, छुट्टी लेकर घर आने के बाद सभी के सुख-दुख में जरूर शामिल होते थे। ड्यूटी पर जाने से पूर्व गांव के बड़े-बूढ़ों का आशीर्वाद लेना वे कभी नहीं भूलते थे। गांव के लोगों को जब उनकी की सूचना मिली तो उनपर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। लोगों की आंखों में आंसू तो नहीं हैं, पर चेहरे की उदासी स्पष्ट बयां कर रही है कि उन्होंने अपने लाल को खो दिया है। 1एक माह बाद होनेवाली थी शादी : शहीद रंजीत खलखो बाक्सिंग चैंपियन थे। गिटार बजाने के साथ-साथ गाना भी लिखते थे। एक माह बाद ही उनकी शादी होने वाली थी। पिछली बार ही घर में बोल कर गए थे कि शादी के लिए अप्रैल माह में 14 दिनों की छुट्टी लेकर वे आएंगे।
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