महालया के साथ नवरात्र शुरु

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कल से महालया के साथ नवरात्रि शुरू हो जाएगी । नवरात्र में अक्सर लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं।कुछ लोगके लिए  इस व्रत के कुछ फायदे भी हैं तो कुछ नुकसान भी। लोग उपवास किस तरह से करे साथ आइए जानते है कि व्रत के क्या-क्या फायदे और नुकसान कुंतलेश पाण्डेय की नजर से।

फायदे
1. उपवास रखने से डाइजेशन और इक्स्क्रीशन की प्रॉसेस अच्छी होती है। साथ ही हार्ट की पंपिंग प्रॉसेस भी सुधरती है।

2. उपवास के दौरान पाचन तंत्र से जुड़े अंगों को आराम मिलता है। इससे जो ऊर्जा बचती है उसका उपयोग आत्म चिकित्सा और आत्म मरम्मत में होता है।

3. व्रत रखकर अवरोधों को नष्ट करके, सफाई करके, विषहरण तथा आंतों, रक्त और कोशिकाओं को शुद्ध करके हम अपनी कई शारीरिक बीमारियों से छुटकारा पाते हैं तथा हमारी ऊर्जा शक्ति भी बढ़ती है।

4. उपवास ना केवल अवरोधों को हटाकर शरीर को स्वयं स्वस्थ होने में मदद करता है, बल्कि यह कायाकल्प करने के साथ उम्र भी बढ़ाता है। व्रत के इन फायदों का हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर स्थाई प्रभाव हो सकता है।

नुकसान
1. कई बार हम उपवास के फलाहार के चक्कर में जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेते हैं। इस भोजन को पचाने के लिए हमारी काफी ऊर्जा का उपयोग हो जाता है। इस वजह से उपवास के समय अन्य कामों के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती।

2. उपवास आपके गुर्दों को प्रभावित कर सकता है तथा यह गुर्दे की पथरी का कारण भी बन सकता है। इस समस्या से बचने के लिए हमें पर्याप्त पानी (तरल पदार्थ) पीना चाहिए ताकि कैल्शियम तथा इस तरह के संबद्ध पोषक तत्व जमा ना हो सकें।

3. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या खून की कमी से पीड़ित लोगों को व्रत रखने से कुछ परेशानियां हो सकती हैं।

सावधानी
1. व्रत के दुष्प्रभावों से बचने के लिए हम नींबू पानी, अनानास का रस, नारियल पानी, विटमिन ए में युक्त फल आदि भी ले सकते हैं।

2. बहुत ज्यादा चाय या कॉफी, बर्फी या लड्डू जैसी मिठाइयां लेने से बचना चाहिए।

3. गुर्दे, हृदय, जिगर या फेफड़ों से संबंधित दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं को झेल रहे व्यक्तियों को केवल उनके डॉक्टरों से सहमति के बाद ही व्रत का पालन करना चाहिए।

4. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आलू, खीर, साबुदाना, पकोड़े जैसे विशिष्ट नवरात्र भोजन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये भोजन मोटा कर सकते हैं साथ ही जटिलताएं भी उत्पन्न कर सकते हैं।

5. लम्बे अन्तराल पर ज्यादा भोजन लेना उचित नहीं है, बल्कि वास्तव में तो कम अंतराल में थोड़ा-थोड़ा भोजन लिया जाना चाहिए।

6. उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों को नमक की खपत के स्तर पर नियंत्रण रखना चाहिए

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