संजय कुमार सुमन
मधेपुरा
बिहार दिवस के मौके पर प्रखंड समेत पूरे जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई तथा विभिन्न स्कूलों तथा सरकारी कार्यालयों को दीपों तथा रंगीन बल्बों से सजाया गया। 105वें बिहार दिवस को लेकर विद्यालयों में 105 दीप जलाकर बिहार के गौरव इतिहास पर नारे लगाए गए तथा चर्चायें की गई।
चौसा प्रखंड में इस बिहार दिवस के मौके पर लतीफ एजुकेशन सेंटर में “युवाओं का व्यक्तित्व विकास और आर्थिक उन्नति” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता दैनिक खोज खबर संपादक संजय कुमार सुमन ने की।अपने विचार रखते हुए मोहम्मद अयूब आलम ने कहा कि विशुद्ध शिक्षा ही हमें व्यक्तित्व विकास व भविष्य निर्माण में कार्य कर हो सकती है ,वही यासिर हमीद ने कहा कि वर्तमान में युवा लक्ष्य विहीन शिक्षा नीति पर अपने भविष्य को तराशने के प्रयास में असफलता प्राप्त कर बैठते हैं। रोशन कुमार पासवान ने कहा कि शिक्षित बेरोजगारी की संख्या बढ़ रही है, इसलिए तकनीकी शिक्षा की आवश्यकता है । रहकाव आलम एवं इमरान आलम ने अपनी बातें रखते हुए कहा कि लोग सपना देखते हैं परंतु सपना के अनुसार कार्य नहीं कर पाते, जिससे असफलता हाथ लगती है तथा हम असफल हो जाते हैं।शिक्षक जवाहर चौधरी ने कहा कि युवाओं के मन में और कार्य के प्रति दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प का अभाव हो गया है। जिससे युवा वर्ग दिशाहीन हो रहे हैं और आर्थिक उन्नति में बाधक बन रहे हैं। इसलिए अपने कार्य क्षमता के अनुसार कार्य क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है ।
कोशी एक्सप्रेस के जिला संवाददाता कुंदन घोषईवाला ने कहा कि आज बढ़ती हुई बेरोजगारी का श्रेय हमारे अभिभावक को भी जाता है जिसके कारण बालमन में अपने कार्य के प्रति लगन का अभाव देखी जाती है। इसमें अगर सुधार की आवश्यकता है तो परिवारिक अनुशासन एवं संगति का चुनाव भी जरूरी है ।जिससे युवामन- बालमन आगे बढ़ने में अपना दायित्व निर्वहन कर सके। निश्चित तौर पर आर्थिक उन्नति का पथ होगा । उन्होंने आर्थिक सुदृढीकरण के लिये युवाओं में चल रही सोच “सरकारी और सिर्फ सरकारी नौकरी” वाली मानसिकता पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि,”संभावनाएं अनंत है,बस जरूरत है एक सुनियोजित योजना तैयार कर दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ चलने की।”
एजुकेशन सेंटर के व्यवस्थापक राशिद लतीफ ने कहा कि आज सामान्य शिक्षा की आवश्यकता नहीं है बल्कि गुणवत्तापूर्ण प्रौद्योगिकी शिक्षा की जरूरत है ।जिससे प्राइवेट सेक्टर में भी हम अपनी आर्थिक दिशा- दशा को बदलने में उपयोग कर सकते हैं। इसलिए बालमन की इच्छा शक्ति को समझने की जरूरत है। इसी से वह अपनी आर्थिक उन्नति और व्यक्तित्व विकास की डगर पर चल सकेगा।कार्यक्रम का शुरुआत शिक्षक जीत कुमार सिन्हा के द्वारा पढ़े गए कविता पाठ “भारत की दुर्दशा अब देखी नहीं जाती…” से शुरू किया गया। रंजीत ने अपने वक्तव्य में कहा कि,” युवाओं में निश्चित लक्ष्य का अभाव भी व्यक्तित्व विकास व आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए बाधक माना जा सकता है।
इस मौके पर कुंदन कुमार राय एवं दैनिक खोज खबर के संवाददाता कुंजबिहारी शास्त्री ने कहा कि अच्छाई और बुराई के समुच्च को व्यक्तित्व कहा जाता है और जो परिवार से होती है ।परिवारिक परिवेश से शुरू होती है ।तथा जिस परिवेश में युवा मन रहता है, उसका प्रभाव भी उनके व्यक्तित्व निर्माण पर असर करती है। इसलिए युवाओं को भाग्यवादी या आशावादी होने की जरूरत नहीं है। उसे लक्ष्य के अनुसार निश्चयवादी बनने की जरूरत है ।अंत में इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दैनिक खोज खबर संपादक संजय कुमार सुमन ने कहा कि युवा वर्ग अपनी दिशा से विचलित हो रहे हैं। आज आर्थिक उन्नति का महत्वपूर्ण बाधक निश्चित लक्ष्य का अभाव तथा वैज्ञानिक संसाधनों की बहुतायत उपयोग से भी शिक्षित बेरोजगारी का संख्या बढ़ा है । इसका मुख्य कारण शैक्षणिक वातावरण का भी है। साथ ही कहा कि वर्तमान में मोबाइल भी एक समस्या सी है जिससे युवा नकारात्मक ऊर्जा के साथ संलिप्त हो रहे है ।कार्यक्रम का संचालन कुंज बिहारी शास्त्री ने की।
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