मधुबनी-सार्थक का प्रयास: भारतवर्ष से दूर हो बाल मजदुरी

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अजय धारी सिंह

मधुबनी।

शुक्रवार को *सार्थक* संस्था के द्वारा होटल अतिथि के सभागार में एक इंटरैक्टिव डिस्कशन सह सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय *”How to eradicate child labour from india”* था। सेमिनार की अध्यक्षता सार्थक संस्था के अध्यक्ष सीतेश कुमार ने की। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रोफेसर सर्वनारायण मिश्र, प्रोफेसर गंगाराम झा, उग्रनारायण मिश्र, डी पी कर्ण, सीतेश कुमार मिश्र एवं सार्थक के सचिव रितेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर के किया।
प्रोफेसर गंगाराम झा ने बाल श्रम के उन्मूलन के लिये मनरेगा या अन्य सरकारी मदद की कमी को मुख्य कारण बताया। प्रोफसर सर्वनारायण मिश्र ने कहा कि बाल श्रम एक बहुत बड़ी समस्या है जिसका निवारण सरकार एवं समाज को एक साथ मिलकर करने से ही होगा। डी पी कर्ण जी ने बाल श्रम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इस समस्या के निदान के लिए सामाजिक आन्दोलन के रूप में लेने पर जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बाल श्रम भारत में सर्वकालिक एवं सर्बव्यापक रहा है, इसके सफलता पूर्वक निदान के लिए गरीबी उन्मूलन और स्कूल के बच्चों का droop out कम करने की आवश्यकता है। उन्होनो अपने संबोधन को आंकड़ो से ओतप्रोत रखा। सार्थक संस्था के अध्यक्ष सीतेश मिश्र ने कहा कि उनकी संस्था भारतवर्ष से बाल श्रम के उन्मूलन के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आगे भी करती रहेगी। कार्यक्रम का मंच संचालन एवं स्वागत भाषण सार्थक संस्था के सचिव रितेश कुमार ने किया। इस कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्ध लोग, शिक्षाविद महिलाओं एवं बच्चों ने भी अपनी-अपनी बातों को रक्खा। कार्यक्रम में सुभाष चंद्र ठाकुर (कोशाध्यक्ष, सार्थक), समाजसेवी निर्मल राय, दीनानाथ झा, रंजना झा, निर्मला कुमारी, पूनम मिश्रा, इन्द्रभूषम रमण, इं० विवेक कुमार महासेठ, डॉ अभिषेक कुमार, मनोज गाँधी, योगेंद्र साहू, सुनील कापड़ी सहित कई लोगों ने भाग लिया।

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