मधुबनी-भारतीय हस्तशिल्प विभाग के द्वारा ज्योग्राफिकल इंडेक्स का किया गया राष्ट्रीय सेमिनार सह कार्यशाला

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अजय धारी सिंह

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भारतीय हस्तशिल्प विभाग के द्वारा शहर के अनंत वाटिका में राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार सह कार्य शाला का आयोजन किया गया। जिस में जिले के विभिन्न गॉंवों से आये हुए सिक्की कलाकार, मिथिला पेंटिंग के कलाकार एवं सुजनी कला के कलाकार लोगों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में जिला पदाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किए। कार्यक्रम में GI के एक्सपर्ट वकील श्री अनिल कुमार ठाकुर ने लोगो को भौगोलिक संकेत (जी.आई) के बारे में विस्तृत जानकारी दिए तथा लोगों को बताए कि भौगोलिक संकेत का मतलब होता है कि जो चीज आप बनाते है उसको बेचने का हक सिर्फ आपको है ना कि उन विचौलियों को जो किसी जीविका दीदी के द्वारा बनाये गए मिथिला पेंटिंग या सिक्की से निर्मित चीजों को कम दाम में खरीद कर अधिक दाम में बेचते है। मिथिलांचल की तीन मुख्य कला कृति जिसे भौगोलोक संकेत प्राप्त है उसमें मिथिला पैंटिंग, सिक्की कला, एवं सुजनी कला है।
जिला पदाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने अपने संबोधन में बताए कि सौराठ सभा गाछी के नजदीक में भूमि अधिग्रहण हो चुका है जहाँ पचहत्तर कड़ोर के लागत से कला विश्वविद्यालय बनाया जाएगा तथा एन. एच. 57 के बगल में कमल नदी से पश्चिम दो एकड़ जमीन में एक हाट लगाने की व्यवस्था की जा रही है जहाँ पर मिथिला पैंटिंग सिक्की कला एवं सुजनी कला के उत्पाद की बिक्री की व्यस्था की जाएगी, तथा बगल में एक रेस्टूरेंट की भी व्यस्था होगी जिस में मिथिलांचल के प्रसिद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे। एक वेब पोर्टल की तैयार किया जा रहा है जो लगभग तैयार हो चुका है जिसे जिले।के वेबसाइट से जोड़ कर इन सभी हस्त शिल्पी का मार्केटिंग किया जाएगा जिस में कलाकार का पूरा प्रोफाइल रहेगा उनके द्वारा निर्मित चीजों की डिजिटल फोटो ग्राफ अपलोड रहेगा तथा उनका एकाउंट नम्बर दिया हुआ रहेगा जिस पर उनके द्वारा निर्धारित दर से भुगतान कर के देश विदेश से लोग खरीदारी कर सकेंगे जिसके लिए सरकार कोई कमिसन नहीं लेगी। जिला पदाधिकारी ने बताये की हम एक मेल का आयोजन करने वाले है जिसमें सभी कलाकारों को ऋण देने की भी व्यवस्था होगी हम उस मेल में बैंकर्स को भी बुलाएंगे तथा साथ साथ ऋण स्वीकृति की व्यस्था करेंगे। इनके अलावे मुख्य वक्ता के रूप में रिटायर्ड लेवर इस्पेक्टर श्री पंचानंद मिश्रा , सुरेंद्र पासवान सहायक निदेशक भा.ह.शिल्पी, श्री शिबन पासवान राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित, भारतीय हस्तशिल्प मंत्रालय दिल्ली से आये हुए प्रह्लाद चौधरी ने संबोधित किये तथा विभिन्न पहलुओं की जानकारी दिए। मंच संचालन संस्थान के हस्तशिल्प पदाधिकारी भुवन भास्कर ने किए तथा अंत में धन्यबाद ग्यापन मनोज कुमार झा परियोजना निदेशक कोहैंड नाइ दिल्ली ने किया।

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