किशोर कुमार
मधुबनी ।
मासूम नैंसी झा की मर्डर मिस्ट्री अब भी गहरी है . पुलिस की थ्योरी में बहुत झोल है . जितनी सपाट स्टोरी पुलिस ने बयां कर चाचा राघवेन्द्र और पंकज को नैंसी झा का कातिल ठहरा दिया है,सबूत बहुत साथ खड़े नहीं दिख रहे हैं . कई सवाल हैं,जवाब कोई नहीं दे रहा . सवालों की मौजूदगी के बीच नैंसी झा के पिता रवीन्द्र नारायण झा ने भी मधुबनी पुलिस की एसआईटी के इनवेस्टीगेशन को रिजेक्ट कर दिया है . वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं .
मिली जानकारी के मुताबिक रवीन्द्र नारायण झा ने हत्या के जुर्म में पुलिस के द्वारा पकड़े गये अपने दोनों चचेरे भाइयों राघवेंद्र और पंकज को बेगुनाह ठहराया . कहा – दोनों ने मेरी बेटी नैंसी को मार दिया,मान लेने की साफ वजह हमारे पास नहीं है . पुलिस मामले को बंद कर देना चाहती है . वे दोनों भाइयों की बेगुनाही बताने पुलिस के पास भी गये थे . नार्को टेस्ट की मांग की थी . पुलिस ने लिखकर देने को कहा है .
पिता इस बात से भी आहत हैं कि कई झूठी कहानियां पुलिस गढ़ रही है . जैसे यह कि नैंसी के अपहरण के बाद घर में शादी की जगह चचेरे भाइयों ने बदल कर निर्मली कर दी . वे कह रहे हैं कि शादी पहले से निर्मली में ही होनी थी और वहीं संपन्न हुई . वे यह नहीं मानते कि घर में जब शादी हो, तो मेरे चचेरे भाई एक ओर बेटी नैंसी को मारकर ठिकाना लगाने में लगे थे,वहीं दूसरी ओर सबों से समान भाव से मिल रहे थे . फिर सच तो यह भी है कि राघवेंद्र नैंसी के अपहरण के गवाह थे .
रवींद्र नारायण झा को अब भी पुलिस से इस बात का गुस्सा है कि उसने अपहरण की रात 25 मई को पकड़े जाने के बाद भी लालू झा और पवन झा को छोड़ दिया था . वे मानते हैं कि दोनों से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की होती,तो शायद नैंसी जिंदा मिल जाती . बताते चलें कि नैंसी की लाश बहुत ही विकृत रुप में 27 मई की रात को मिली थी . लाश मिलने के बाद जब देश भर में नैंसी झा मर्डर केस का हंगामा बढ़ा,तो पुलिस ने फिर से लालू झा और पवन झा को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था .
अब बदले हालात में जब पुलिस कांड का उद्भेदन करने का दावा कर रही है,तो क्या माना जाए कि लालू झा और पवन झा की अरेस्टिंग गलत हुई थी . असली कातिल चाचा राघवेंद्र और पंकज ही हैं . तो फिर ऐसे में क्या, लालू झा और पवन झा को पुलिस जेल से छुड़वा देगी,जिन पर परिजनों का शक आज भी बहाल है . या फिर पुलिस विस्तार से बताएगी सबूत के साथ यह कि अपहरण के बाद कब-कब और कहां-कहां क्या हुआ,जो अब तक नहीं बताया गया है .
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