कुमार रवि झा
सुबह उठा श्री मति जी ने दिया कॉफी के साथ अखबार.अखबार पढने के दौरान एक खबर पर नजर पड़ी. लेकिन सरकार ने स्वास्थ रहने के लिए खाने के लिए गाईड लाईन जारी की और रात 12 बजे के बाद अध्यादेश लागू.मै सोचा चलो अच्छा हुआ अब देश के सारे जनता रहेगी स्वास्थय. खैर कोई बात नही . मै तैयारी होना चला गया क्योकि दस बजे कार्यलय पहुंचना था।तैयारी होने के बाद मेरे नाश्ते में पसंदीदा चीज बना था । वह आलू पराठा, भीड़ी भूजिया .टमाटर चटनी और दही.मै 6 आलू पराठा दबा लिया।और ऑफीस जाते समय श्रीमति जी मुझे टीफिन दे दिया.यही नही मेरा पसंदीदा भोजना होने के कारण दोदो आलू पराठा अतिरीक्त दे दिया गया।मै अपना बाईक में चार किक मारी गाड़ी स्टार्ट कर चल दिया कार्यलय की ओर. अभी आधा किलोमीटर चला था कि गाड़ी बंद हो गई. काफी कीक मारी स्टार्ट नही हुआ,तब तक हमारे बगल मे एक मित्र आकर बोले गाड़ी रिर्जव मे आगई होगी। रिर्जव में करे . गाड़ी स्टार्ट हो जाएगी। मैने अपने मित्र को कहा भाई ये पत्रकार की बाईक है यह हमेशा रिर्जव मे रहती है। खैर मुझे भी शक हुआ , मैने टंकी खोली देखा पेट्रोल नही है। खैर बगल मे पेट्रोल पंप था, थोड़ी गाड़ी घकेल कर पंप का पेट्रोल भराया। फिर किक मारी चल दी ,अपनी मंजिल की ओर । चुकि मेरा कार्यलय दुसरे जिले में पड़ता है तो इस कारण बोर्डर भी क्रास करना पड़ता है। अभी कुछ देर गया था कि देखा कि सड़के जाम की स्थिती है। मै अपना प्रेस का रौब दिखाते हुए पहुंचा अपनी बाईक को आड़ी तीरछी कर पहुंचा बार्डर तक। और मै उस पार जाने लगा।तब तक दो सिपाही वहां आ गए। चुकि डेली आना जाना होता था। इस कारण मुझे लगा कि वे मुझे सिर्फ जाम की वस्तु स्थिती के बारे में बताएगे। लेकिन वे मुझे जाम की स्थिती क्या बताएगे। मुझे भी रौब दिखाते हुए कहा बाईक लगाईए और लाईन मे खड़े हो जाईए। मैने कहा कि भाई मै तो प्रेस से हुं। उसने कहा प्रेस फ्रेस नही चलेगा। लाईऩ मे लगीए । मैने अपनी आई कार्ड. बाईक का कागज पत्र के साथ साथ . ड्राईबिंग लाईसेसं दिखाया। लेकिन उसने कहा इसकी जॉच नही हो रही है। आपने नही पढा है अखबार सरकार का नया आदेश। कि सरकार ने स्वास्थय रहने के लिए खाना को लेकर नियम जारी कर दी है। वही जॉंच हो रही है। आपको कितना किलौरी खाना है जो आपके शऱीर मे पचेगी। अतिरीक्त खाना रहेगा तो फाईन सरकार लेगी आपसे । मै कहा कि भाई ये क्या माजरा है। सिपाही ने कहा कि हमलोग सरकार के आदेशपाल है। अभी सिर्फ जॉच होगी। लेकिन एक महिना के बाद फाईन लगेगा। ठीक है मै कहा चलो मै अपनी बाईक लगाकर सिपाही के साथ चल दिया। सिपाही ने कहा कि भीड़ है आप प्रेस से है इस कारण आप को जल्दी करवा देता हुं। मै लाईन तोड़ता हुआ सिपाही के साथ वहा पहुंचा.सिपाही के हाथ मे मेरा टिफीन भी था। एक गेट टाईप का मशीन था। बस उसमे प्रवेश करना निकलना था।मैने देखा कि जिसका किलौरी ठीक था उस मशीन से गुजरने पर हरा.अधिक होने पर लाल और कम होने पर पील जलता था। कम किलौरी वाले को अलग से बैठाकर खाना खिलाया जा रहा था।ताकि हरा हो जाए।मेरी बारी आई तो लाल बंत्ती जलने लगा। मुझे कहा कि आप कि किलौरी ज्यादा है आप आज दोपहर में भोजन नही करेगे।और आपकी टीफीन के खाने को जब्त कर लिया जाता है। जिसका किलौरी कम होगी उसे भोजन दिया जाएगा।इसी बात को लेकर वहा मौजूद दण्डाधिकारी से मेरी बहस हो गई।एक हाथ से मै अपना टिफीन सिपाही से छीन रहा था और सिपाही टिफीन देने को तैयार नही था। इस आपाधापी मै धड़ाम से गिर पड़ा. तब तक मेरी श्रीमति जी मेरे पास आकर बोली क्या आप टिफीन टिफीन कर रहे थे।मै देखा तो मै जमीन पर बिस्तर से गिरा पड़ा हुं। तब मुझे लगा कि मै तो सपना देख रहां था।
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