ब्राजील में फुटबाल सिर्फ एक खेल नहीं, जीने का तरीका है- मार्सेलिन्हो

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एफसी पुणे सिटी के फारवर्ड की भविष्यवाणी, ब्राजील की यू-17 टीम 14 साल का सूखा खत्म करने को तैयार

 जैसा कि देखने में आ रहा है, ब्राजील भारत में जारी फीफा अंडर-17 विश्व कप में अपना 14 साल का सूखा खत्म करने की कगार पर है। अब तक तीन बार फीफा यू-17 खिताब जीत चुकी ब्राजीली टीम ने अंतिम बार यह ट्राफी 2003 में जीती थी। अब यह टीम लगातार तीन जीत के साथ ग्रुप-डी में नौ अंकों के साथ पहले स्थान पर है। जूनियर स्तर के शीर्ष खिलाड़ियों में से एक विनिसियस जूनियर की गैरमौजूदगी के बाद भी ब्राजील ने स्पेन, नाइजर और उत्तर कोरिया को हराया। विनिसियस जूनियर फ्लामेंगो के लिए खेलते हैं और अब वह रियल मेड्रिड का रुख करने वाले हैं। फ्लामेंगो ने विनिसियस को विश्व कप के लिए भारत आने की इजाजत नहीं दी थी। ब्राजीली टीम ने नाइजर, उत्तर कोरिया और स्पेन के खिलाफ दो-दो गोल जबकि उसके खिलाफ सिर्फ एक गोल हुआ।

 अब ब्राजील की टीम प्री-क्वार्टर फाइनल की तैयारियों में है। 17 अक्टूबर को होने वाले इस मुकाबले में ब्राजील का सामना ग्रुप-बी, ई या एफ से तीसरे स्थान पर आने वाली टीम से होगा। एसे में फ्लामेंगो के पूर्व स्टार और अब एफसी पुणे सिटी के फारवर्ड मार्सेलो लीते परेरा ने ग्रुप स्तर पर ब्राजील के शानदार प्रदर्शन के बारे में विस्तार से बात की।

 परेरा ने बताया कि ब्राजीली टीम इस टूर्नामेंट में इतनी खतरनाक क्यों है। दिल्ली डायनामोस के लिए आईएसएल-3 के गोल्डन बूट विजेता (10 गोल औऱ पांच एसिस्ट), मार्सेलिन्हो नाम से मशहूर परेरा ने ब्राजील की फुटबाल परंपरा और उसकी सुंदरता पर विस्तार से बात की।

 पेश है उसी इंटरव्यू का अंश –

 सवाल – ब्राजील टीम इस विश्व कप में अजेय दिखाई दे रही है। टीम के अब तक के प्रदर्शन पर आपकी क्या राय है और नाकआउट के लिए टीम की क्या रणनीति होनी चाहिए।

14 साल का सूखा है और यही कारण है कि यह टीम टूर्नामेंट में शामिल किसी अन्य टीम से अधिक जीत के लिए भूखी दिखाई दे रही है। विश्व कप के लिए बड़ा दल भारत आया है और इससे यही साबित होता है कि यह टीम अपने लक्ष्य को लेकर हमेशा गम्भीर रहती है। यह टीम संगठित दिखाई दे रही है और नाकआउट तथा उसके भी इसका सफर जारी रहेगा।

जहां तक रणनीति की बात है तो टीम के पास कार्लोस अमादे जैसा काबिल कोच है। परिणाम बता रहे हैं कि उनकी रणनीति सटीक है। इस टीम ने हर मैच में दो गोल किए हैं और इसने अब तक सिर्फ एक गोल खाया है। इसलिए यह टीम ग्रुप टापर बनने के काबिल थी।

 सवाल –ब्राजील के किसी खिलाड़ी ने आपका ध्यान आकर्षित किया है। क्या कोई है, जो भविष्य का सितारा हो सकता है।

यह टीम काफी संतुलित है। टाप पर लिंकोल और पाउलिन्हो शानदार फार्म में हैं और दोनों ने अच्छे गोल किए हैं। गोलकीपर गिब्रएल ब्राजोआ ने भी शानदार काम किया है लेकिन एलन सौजा और पाउलिन्हो ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है। इन दोनों की बदौलत हम अपनी कला और इरादे का सही प्रदर्शन कर सके हैं।

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सवाल-ब्राजील ने कई एसे खिलाड़ी पैदा किए हैं जो इस खेल में स्टार और लिजेंड बने हैं। क्या आप ग्रासरूट से लेकर आग तक, ब्राजील में फुटबाल सिस्टम जानकारी देंगे। वह क्या चीज है जो ब्राजील को फुटबाल खेलने वाले 210 देशों से अलग करता है।

ब्राजील में फुटबाल सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि जीने का तरीका है। लोग यहां दिन रात बस इसी खेल के बारे में सोचते रहते हैं । राष्ट्रीय फुटबाल टीम एक राष्ट्रीय पहचान की तरह है और यह ब्राजीली लोगों में आत्मविश्वास का संचार करता है।

अधिकांश बच्चे बहुत छोटी उम्र में ही खेल की मूलभूत चीजें सीखने लगते हैं। कभी-कभी वे फुटबाल को अपने घर और ब्राजील की सड़कों को रोजाना देखते हैं। इसके अलावा हर जेनरेशन का अपना एक हीरो होता है, जिसके जैसा वे बनना चाहते हैं। इसके लिए वे पेले, जीको, रोनाल्डो,रोनाल्डीन्हो, काका और कई अन्य खिलाड़ियों की ओर देखते हैं।

 इन बच्चों में से कई फुटबाल को अपना करियर बनाने की सोचते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि फुटबाल उन्हे औरों की तुलना में बेहतर जिंदगी दे सकता है। यहां फुटबाल की ओर देखने वालो युवाओं को प्रेरित करने वाली कई चीजें हैं। इससे राष्ट्रीय टीम को देश के हर कोने से बेहतरीन खिलाड़ी मिल जाते हैं।

 सवाल –भारतीय टीम के प्रदर्शन पर आपकी क्या राय है। क्या किसी खिलाड़ी ने आपको प्रभावित किया है।

ईमानदारी से कहूं तो भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा खेल दिखाया। मैंने उन्हें पहली बार खेलते देखा है और इसी कारण मेरे लिए यह बता पाना मुश्किल है कि मुझे सबसे अधिक किसने प्रभावित किया। भारत के लिए फीफा विश्व कप में पहला गोल करने वाले जैक्सन सिंह निश्चित तौर पर देश के हीरो बन गए हैं।

 सवाल-अब दुनिया भारतीय फुटबाल को किस तरह देखेगी।

मैं नहीं जानता कि लोग किस तरह से देख रहे हैं लेकिन मैं अपने अनुभव के आधार पर आपको बताना चाहता हूं कि भारतीय फुटबाल निरंतर विकास कर रहा है। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) युवा प्रतिभाओं के लिए शानदार प्लेटफार्म है, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं। अगर आप एफसी पुणे सिटी पर नजर डालें तो इसके पास कई युवा खिलाड़ी हैं और हर कोई आईएसएल में अपना दमखम दिखाने को बेताब है। अब जबकि यहां फीफा यू-17 विश्व कप का आयोजन हो रहा है, भारतीय फुटबाल बड़ा और बेहतर होता जाएगा।

 सवाल-हीरो आईएसएल ने बीते तीन सालों में भारत में फुटबाल खिलाड़ियों और फैन्स के बीच इस खेल को लेकर समान जुनून पैदा किया है। आपकी नजर में एआईएफएफ औऱ आईएसएल को देश में फुटबाल को और अधिक पापुलर करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।

जैसा कि मैंने पहली भी कहा है स्टेकहोल्डर्स सही दिशा में कदम उठा रहे हैं। एक देश रातों-रात फुटबाल की महाशक्ति नहीं बन सकता क्योंकि सैकड़ों देश यह खेल खेलते हैं और इसी कारण गला काट प्रतिस्पर्धा है। लेकिन विश्व कप और आईएसएल इस देश में फुटबाल को लेकर अलख जगाने के लिए शानदार प्लेटफार्म हैं। EOM

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