बक्सर। सोन नदी से निकलने वाले लाल सोने की अपने प्रमंडल में तो मांग थी ही, साथ ही, पूर्वाचल के राज्य में आपूर्ति होने से यही सोना लोगों के लिए आय का बड़ा स्रोत भी था। लेकिन, यूपी की सरकार द्वारा अपने राज्य के बालू की आपूर्ति पर रोक लगा देने से जहां नैतिक-अनैतिक सभी प्रकार के आय के स्त्रोत बन्द हो गए हैं। वहीं, दो दिनों से यूपी की सीमा में बालू लदे ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगने से अपनी सीमा क्षेत्र के मुख्य सड़कों पर ट्रकों की लंबी कतार लग गई है। जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। वहीं, सड़कों पर जाम की स्थिति से दुर्घटना का खतरा बढ़ता जा रहा है।
यूपी में खपत रूकने से बालू ठेकेदारों को हो रहा घाटा
यूपी में बालू की खपत से बालू सप्लायरों को अच्छी-खासी आय प्राप्ति होती थी। वहीं, ट्रक मालिक और चालक के लिए भी फायदे का सौदा बना रहता था। लेकिन, इस पर रोक से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक ट्रक चालक ने बताया कि अपने यहां ट्रक पर लदे चार फीट बालू की कीमत बारह हजार रुपये थी। वहीं, महज यूपी में 30 किमी दूर दिलदारनगर में इसकी कीमत 30 से 35 हजार, जबकि गाजीपुर के क्षेत्र में जाने पर 50 हजार, बलिया, मऊ व आजमगढ़ में सोन बालू की कीमत 55 से 60 हजार तथा गोरखपुर में 70 से 75 हजार की कीमत में बालू की बिक्री की जाती थी। अब तो बंद होने से बालू व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है।
सात से नौ हजार में बिक रहा 12 से 50 हजार का बालू
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