पटना- हाजीपुर मे हुआ पत्रकारो का जुटान

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संजय कुमार सुमन
इण्डियन जॉर्नलिस्ट एसोसिएशन, बिहार एवं अहान न्यूज़ चैनल के तत्वावधान में ऐतिहासिक जिला वैशाली के हाजीपुर स्थित गांधी आश्रम हाजीपुर के सभा भवन में आज बुधवार  को प्रदेश अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही के अध्यक्षता के एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी के गरिमामय उपस्थिति में इंटरनेशनल पत्रकार सम्मेलन आयोजित की गयी।
सम्मेलन में नेपाल, भूटान राजस्थान, जम्मू, हिमाचल, उतराखंड, छतीसगढ़, यूपी, एमपी, झारखंड एवं बिहार के सभी जिले से विभिन्न समाचार पत्र – पत्रिका, न्यूज़ चैनल व वेव पोर्टल के सैकड़ो पत्रकारों भाग लिए ।
सम्मेलन में आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले में पर एक सुर से उपस्थित पत्रकारों द्वारा घोर निंदा की गई ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इण्डियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने कहा कि पत्रकारिता या पत्रकार लोकतंत्र की आंख होती है। पत्रकार अपने कर्तव्य से बंधे होने के साथ सरकार व समाज के बीच केवल सेतु का ही काम नही करती बल्कि सरोकार के साथ सरकार के हर प्रयास में सक्रिय भागीदारी निभाती रही है । लेकिन सरकार हमारी पीड़ाओं को लगातार अनदेखी करती रही है । लिहाजा आज पत्रकारिता का क्षेत्र काफी जटिल व संकट से घिर गया है । पत्रकार भय और आतंक के दौर से गुजरने को मजबूर हो रहें है । आंकड़ा बताते हैं कि आये दिन लगातार पत्रकार पर हमले किये जा रहें है और इस तरह के मामले बिहार में कुछ ज्यादा ही हो रहे हैं । इस कार्य में असामाजिक तत्व के अलावे कुछ अधिकारी भी शामिल नजर आ रहे हैं जो काफी चिंता जनक है

सम्मेलन में उठा मधेपुरा के पत्रकारों का मामला
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य महासचिव डॉ दयानन्द भारती,आहान न्यूज़ के स्टेट हेड सह प्रदेश सचिव मनीष कुमार ने कहा कि पत्रकारों पर लगातार हो रहे जानलेवा हमले चिन्ता जनक ही नही है बल्कि कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के अलावा बड़ी व गंभीर समस्याओं को दर्शा रही है। बिहार में पत्रकारों पर हुए हमले का आंकड़ा काफी ज्यादा ही है । गत वर्ष अप्रैल 16 में पूर्ण शराबबंदी लागू किए जाने के बाद से बिहार के मुखिया नीतीश कुमार कई राज्यों का दौरा कर दावा करते फिर रहे हैं की बिहार में आपराधिक आंकड़ा कम है । पिछले एक साल के दौरान सूबे में कई पत्रकारों की हो रही हत्याएं एवं जानलेवा हमले उनके इस दावे पर प्रश्न चिन्ह लगा रही हैं । पिछले माह 3 जनवरी को समस्तीपुर के विभूतिपुर में एक दैनिक अखबार के पत्रकार ब्रजकिशोर ब्रजेश की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी । वहीँ बीते साल नवंबर में सासाराम के एक दैनिक अखबार से जुड़े पत्रकार धर्मेंद्र सिंह पर भी घातक हमला हुआ और अस्पताल जाने के क्रम में दम तोड़ दिया था । जबकि उससे पहले सिवान में एक अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की रेलवे स्टेशन के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । इसी कड़ी में गम्हरिया, मधेपुरा पत्रकार डिक्सन भगत शराब माफिया के खिलाफ खबर छापी तो पुलिस ने उनके दुकान में तोड़फोड़ के साथ उनकी जमकर पिटाई कर दी । सहरसा के पत्रकार विकास कुमार की पुलिस द्वारा बुरी तरह से पिटाई कर दी गयी । कैमूर में देवब्रत तिवारी द्वारा अपराधियों का खबर लगाया तो उल्टे उन्हें ही पुलिस सांठ गांठ से एससी- एसटी एक्ट में फंसा दिया और अपराधी आज भी छुट्टा घूम रहा है, बेगूसराय के मोकमा में एक पत्रकार पर दबंगो द्वारा जानलेवा हमलाकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया गया । बांका में एक अखबार के ब्यूरो ने लगातार खबर छापी तो नाराज होकर जिलाधिकारी ने उनके ऊपर किसी भी सरकारी कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी । खगरिया के मानसी बीडीओ द्वारा पत्रकार अभिजीत कुमार को अपशब्द के साथ जान से मारने की धमकी दी गयी । 17 फरवरी को मधेपुरा सदर थाना में खबर संकलन करने गए पत्रकार मुकेश मधुकर को पुलिस कर्मी द्वारा सरेआम पिटाई कर दी गयी, वहीँ इसी जिले में 3 मार्च को पत्रकार उदय कुमार को खबर संकलन के दौरान पुलिस द्वारा बुरी तरह से पिटाई कर दी गयी । डा.भारती ने कहा कि इस  तरह के सैकड़ो उदाहरण है जहां पत्रकारों को अपमानित, प्रताड़ित, पिटाई व जानलेवा हमले में असामाजिक तत्व के अलावा अधिकारी भी हमलावर रहें है । कई अन्य पत्रकारों और उनके परिजनों पर जानलेवा हमले भी हुए हैं । उन्हें डराया धमकाया गया है । हमारा शिकायत है कि राज्य में सुशासन होने का दावा करने वाले नीतीश कुमार यह विश्वास दिला पाने में नाकाम रहे हैं कि गलत कार्यो के खिलाफ आवाज उठाने के बाद पत्रकार सुरक्षित हैं ।

उक्त तमाम मुद्दों पर बड़ी लड़ाई लड़ने की जरूरत महसूस की जा रही है और इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचने के लिए देश के सभी पत्रकार को एक होना होगा ।

समेलन में प्रस्ताव पास की गयीं

सरकार जी को पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए उपयुक्त माहौल बहाल करनी चाहिए । पत्रकार पर हो रहे हमले एवं मुकदमों के निपटारे के लिए अलग से न्यायिक आयोग गठित करना चाहिए । पत्रकारों को अपनी फर्ज निभाने देने के लिए हरसंभव सहयोग करनी चाहिए । चुनाव आयोग द्वारा निर्गत प्रेस प्राधिकार पत्र के आधार पर मान्यता नीति तय करनी चाहिए । मुफसिल के पत्रकारों को कुशल श्रमिक का दर्जा एवं सुविधा बहाल करनी चाहिए । पत्रकार और उनके आश्रितों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य योजना लागू करनी चाहिए । सरकारी विज्ञापनों का जिला स्तर पर विकेंद्रीकरण का प्रावधान लागू करनी चाहिए । पत्रकार पेंशन योजना को सरल व सुलभ बनानी चाहिए । पत्रकार आवास योजना लागू कर उसे धरातल पर उतारने चाहिए । जिला स्तर से राज्य स्तर तक विभिन्न समितियों, निगम, निकाय एवं बोर्ड में उचित प्रतिनिधित्व देनी चाहिए । वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1958 में संशोधन कर इलेक्ट्रॉनिक टीवी चैनल व वेव पोर्टल के पत्रकारों को भी दर्जा दी जाय। उपरोक्त सभी मांगों की पूर्ति के लिए हम पत्रकारों को एक मंच पर आकर चट्टानी एकता के साथ चरणवध तरीके से बड़ी लड़ाई लड़ने की सहमति बनी । वहीं लड़ाई की रूप रेखा तय करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही एवं प्रदेश मुख्य महासचिव डॉ दयानन्द भारती को अधिकृत किया गया । सम्मेलन को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जयराम प्रसाद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येंद्र मिश्रा, राजू लाम्बा नेपाल, रणजीत सम्राट, प्रदेश संयुक्त सचिव संजय कुमार सुमन,केदारनाथ सिंह, शेख रईस अहमद, प्रदेश संग़ठन सचिव संजय विजित्वर, अरुण कुमार झा, रवींद्रनाथ झा, गिरिराज सिंह यूपी समेत दर्जनों पत्रकारों ने अपनी बात रख कर पत्रकार के चट्टानी एकता का परिचय दिया।

पत्रकार हुए सम्मानित

कार्यक्रम  में देश विदेश से आये दर्जनों पत्रकार को पत्रकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। कोसी टाइम्स के संपादक प्रशांत कुमार,उप संपादक संजय कुमार सुमन,आवाज टू डे के संपादक रणधीर राणा,सुपौल जिला प्रमुख मनीष कुमार,मुख्य सचिव डा.दयानन्द भारती,रविकांत कुमार,दैनिक खोज खबर के मधेपुरा के जिला संवाददाता कुंजबिहारी शास्त्री समेत दर्जनों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।इस मौके पर स्मारिका का भी प्रकाशन विमोचन किया गया।

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