पटना।
बिहार में लगातार हो पत्रकार हमले को लेकर आज इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन बिहार द्वारा गर्दनीबाग पटना में महाधरना दिया गया ।महाधरना में पत्रकारों ने मांग रखा के पत्रकार पर लगातार हो रहे हमले के विरुद्ध और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के सवाल पर दिया गया है। पत्रकारों ने धरना के माध्यम से एकजुटता का परिचय देते हुए तमाम आशय की जानकारी भारतीय प्रेस परिषद को दिया है।जिसका रंग बहुत जल्द आएगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही ने किया जबकि मंच संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष रंजीत सम्राट ने की।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सिराज अहमद कुरैशी ने बिहार में लगातार पत्रकार पर हो रहे हमला पर चिंता जताते हुए कहा कि बिहार में पत्रकार की लगातार हत्या हो रही है और राज्य कि सरकार अंधी बनी हुई है। यह क्या सुशासन की झलक है। यह सुशासन नहीं यह कुशासन की झलक है जो पत्रकारगण नीतीश कुमार को सत्ता पर काबिज करने का काम किया है वही पत्रकार गन असुरक्षित है।अब नीतीश कुमार को इस मामले को पूर्ण रुप से हस्तक्षेप करना होगा। प्रशासन द्वारा अनेकों बार पत्रकारों पर लाठी चलाना, भद्र व्यवहार करना, गाली देना व्यवहार सा बन गया है।सूबे के कटिहार के विधायक द्वारा पत्रकार को धमकाना ऐसा प्रतीत होता है कि जिस जंगल राज की लड़ाई लड़कर नितीश कुमार सत्ता पर काबिज हो गए और दोबारा वही जंगलराज को लाने का काम कर रहे हैं।नीतीश कुमार को इस पर जल्द विचार करना होगा कि बिहार में पत्रकार कैसे सुरक्षित हो।जो पत्रकार सरकार की बात जनता तक आसानी से पहुंचाने का काम करती है उसकी जान खतरे में है। उसका परिवार असुरक्षित महसूस कर रहा है।इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन यह कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी। यह पत्रकार के हित में कदम उठाई है और उठाती रहेगी।
प्रदेश अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही ने कहा कि इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पत्रकार हमले को लेकर जो कदम उठाया है वह लगातार देश स्तर पर चलता रहेगा। जबतक पत्रकार के साथ अहित होता रहेगा तब तक इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन आवाज उठाती रहेगीl एसोसिएशन ने आज धरना देकर सरकार को एक संदेश देने का काम किया है कि सुधर जाओ नहीं तो बिहार के पत्रकार एकजुट गोलबंद हो गए तो सत्ता से उतरते देर नहीं लगेगी।
धरना को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष रंजीत सम्राट ने पटना में उपमुख्यमंत्री के गार्ड के द्वारा पत्रकारों पर हमला कर पिटाई किए जाने की घोर निंदा की। लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ की आवाज को दबाने का षड्यंत्र बिहार में चल रहा है। यह पत्रकारों पर नहीं लोकतंत्र पर हमला है। बिहार में लगातार हो रहे पत्रकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धारना को संबोधित करते हुए प्रदेश संयुक्त सचिव संजय कुमार सुमन ने कहा कि हाल के दिनों में हुई घटनाएं बहुत गंभीर हैं और अगर हम अपनी एकजुटता नहीं दिखाते हैं तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। काम के दौरान पत्रकारों की सुरक्षा सबसे अहम है। यह समय पत्रकारों की एकजुटता दिखाने का है।पत्रकारों को अपने हितों की सुरक्षा के लिए लामबंद होने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता या पत्रकार लोकतंत्र की आंख होती है । पत्रकार अपने कर्तव्य से बंधे होने के साथ सरकार व समाज के बीच केवल सेतु का ही काम नहीं करती बल्कि सरोकार के साथ सरकार के हर प्रयास में सक्रिय भागीदारी निभाती रही है। लेकिन सरकार हमारी पीड़ाओं को लगातार अनदेखी करती रही है। लिहाजा आज पत्रकारिता का क्षेत्र काफी जटिल व संकट से घिर गया है ।पत्रकार भय और आतंक के दौर से गुजरने को मजबूर हो रहें है। आंकड़ा बताते हैं कि आये दिन लगातार पत्रकार पर हमले किये जा रहें है और इस तरह के मामले बिहार में कुछ ज्यादा ही हो रहे हैं । इस कार्य में असामाजिक तत्व के अलावे कुछ अधिकारी भी शामिल नजर आ रहे हैं जो काफी चिंता जनक है।
जबकि प्रदेश सचिव राकेश कुमार गुप्ता ने हाल में हुई दोनों घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बदलते राजनीतिक हालातों में सभी को एकजुट होने और संभल कर चलने की जरुरत है। पत्रकारों की एकता ही उनकी ताकत है। उन्होंने पत्रकारों की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि ऐसी घटना पत्रकारिता की आजादी के लिए खतरा है। समाज के चौथे स्तंभ माने जाते मीडिया को खुलकर लिखने व लोगों के सामने सच्चाई पेश करने की पुरा अधिकार है। परन्तु लोगों की आवाज को उठाने वाले पत्रकारों को झूठे मुकदमे में फ़साना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि मामले की जाँच कर अगर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार न किया गया, तो संघर्ष शुरू किया जाएगा।
इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन मधेपुरा के महासचिव सिकंदर प्रसाद सुमन ने अपने संबोधन में कहा कि असमाजिक तत्व अपराधकर्मी और भ्रष्टाचारियों की धृष्टता अब इस कदर बढ़ गई है कि अब वह अब वह लोकतंत्र के सजग प्रहरी पर दिनदहाड़े खुलेआम हमले कर रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि अगर इनके खिलाफ कलम उठी तो जान से भी हाथ धोना पड़ेगा। इन्हीं समस्या को लेकर फिलवक्त पत्रकारों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है क्योंकि पत्रकार किसी की ज्यादाती को लिखने और कैमरा से कैद करते हैं।जो असमाजिक तत्व अपराध कर्मी और भ्रष्टाचारियों को नागवार गुजरता है और वह बेखौफ हमले करते हैं। बावजूद सरकारी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं होती है जो दुखद है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कटिहार के पत्रकार संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि पत्रकारों को अपमानित, प्रताड़ित, पिटाई व जानलेवा हमले में असामाजिक तत्व के अलावा अधिकारी जनप्रतिनिधि भी हमलावर रहें है । मुझे खुद बरारी के विधायक ने गाली और धमकी दी। कई अन्य पत्रकारों और उनके परिजनों पर जानलेवा हमले भी हुए हैं । उन्हें डराया धमकाया गया है । हमारा शिकायत है कि राज्य में सुशासन होने का दावा करने वाले नीतीश कुमार यह विश्वास दिला पाने में नाकाम रहे हैं कि गलत कार्यो के खिलाफ आवाज उठाने के बाद पत्रकार सुरक्षित हैं। उक्त तमाम मुद्दों पर बड़ी लड़ाई लड़ने की जरूरत महशुस की जा रही है और इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचने के लिए देश के सभी पत्रकार को एक होना होगा।
कार्यक्रम के अंत में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा पत्रकारों पर प्राणघातक हमला उनकी सुरक्षा की मांगों की 9 सूत्रीय मांगपत्र को स्थानीय प्रशासन को सौंपा।मांग पत्र में कटिहार जिले के बारे प्रखंड के प्रभात खबर दैनिक के संवाददाता संजीव कुमार को बरारी विधानसभा के राजद विधायक नीरज कुमार द्वारा एक समाचार के प्रकाशन को लेकर की गई अश्लील गाली गलौज एवं गोली मार देने की धमकी के विरुद्ध पत्रकार के आवेदन पर कार्यवाही करने, अभी हाल ही में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के गार्ड द्वारा पटना में मीडिया कर्मियों की पिटाई की गई।जो निंदनीय है। इस मामले में अब तक सुरक्षा गार्डों ने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है।एसोसिएशन मामले की निंदा करते हुए दूसरे लोगों के विरोध प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग करती है। गोपालगंज मोतिहारी मधुबनी समस्तीपुर विक्रमगंज समस्तीपुर शिवपुर के पत्रकारों पर पुलिस गुंडा और अधिकारियों द्वारा की गई पिटाई उत्पीड़न कैमरा मोबाइल चेन्नई की घटना की निष्पक्ष जांच दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग एसोसियन करती है।बिहार में अविलंब प्रेस परिषद आयोग की स्थापना तथा पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए।आज असुरक्षित पत्रकारों के ऊपर भ्रष्ट अधिकारियों नेताओं एवं दबंगों द्वारा उनके पक्ष में समाचार नहीं लिखने से संतुष्ट होकर उनको फर्जी मुकदमे में थाने में दर्ज करा कर प्रताड़ित किए जा रहे हैं ऐसे पत्रकारों के उपकरण को रोकने के लिए जिला अधिकारी पुलिस अधीक्षक सूचना अधिकारी एवं अन्य इंडियन जनर्लिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष की समितियों प्रत्येक जिले में गठित कराकर पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज शिकायतों की जांच कराने के बाद दोषी पाए जाने पर कार्यवाही करने समेत नौ सूत्री मांगों को सौंपा।
इस मौके पर मधुबनी जिला के महासचिव मलय नाथ मिश्र, मधुबनी के जिला अध्यक्ष रविंद्र नाथ झा, बेगूसराय के गणेश शंकर दत्त, प्रभात कुमार ,हाजीपुर के नसीम रब्बानी,बरारी से राणा सिंह समेत दर्जनों पत्रकारों ने महाधारणा को संबोधित कर अपनी चट्टानी एकता का परिचय दिया।
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