पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का सूपड़ा साफ कर ही शायद नीतीश दम
लेंगे। नीतीश ने उनकी लालटेन फोड़ दी है। यही रफ्तार रही तो आगामी लोकसभा
चुनाव में कहीं उनकी लालटेन का तेल भी खत्म न हो जाए। आखिरकार ऐन लोकसभा
चुनाव के मौके पर राजद ही टूट गया। मगर विधायकों की छीनाझपटी को ले
सोमवार को दिन भर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। विधानसभा सचिवालय की अधिसूचना
की माने तो राजद के 22 में से 13 विधायकों को सदन में अलग ग्रुप के रूप
में बैठने की मान्यता दे दी गई है। यानी, तेरह विधायकों ने राजद से नाता
तोड़ लिया है। लेकिन कुछ ही देर बाद इनमें से छह विधायक राजद विधायक दल
नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के साथ मीडिया से मुखातिब हुए। उनका कहना था
कि उनके साथ ठगी हुई है। 1 सम्राट चौधरी ने फ्रॉड करके उनके दस्तखत लिए।
वे राजद में हैं, रहेंगे। दो और विधायक राघवेंद्र सिंह व जितेंद्र राय ने
भी हस्ताक्षर से इनकार किया है। विधायकों को ले देर रात तक खींचतान होती
रही। बैठक-बतकही का मैराथन दौर। दावे-प्रतिदावे भी।
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