देवघर।26मई
समालोचक – साहित्यकार और सत्संग कॉलेज के प्राध्यापक राहुल सिंह ने कहा कि वैकल्पिक भारत का सपना सिर्फ गांधी के पास था, और उनके सपने का भारत ग्राम सभाओं के रास्ते ही बन सकता है। वह आज सुधीर पाल की किताब’ ग्राम सभा- नए लोकतंत्र की दस्तक’ के लोकार्पण-सह- परिचर्चा में मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे। कर्यक्रम का आयोजन प्रवाह, देवघर, मंथन, रांची के तत्वावधान में सूचना भवन में किया गया था।
उन्होंने कहा कि ग्राम सभा संवैधानिक निकाय है और सामुदायिक संसाधनों को बचाने की जिम्मेवारी और ताकत भी इसमें ही बची हुई है। उन्होंने कहा कि सुधीर पाल की किताब ग्राम सभा पर हैंडबुक है और ग्रामीणों को इसे हमेशा अपने पास रखने की जरूरत है। किताब में ग्राम सभाओं के अनुभव, संघर्ष के साथ साथ इसे प्रयोग करने की रूपरेखा भी खींची गयी है।
किताब के लेखक सुधीर पाल ने बताया कि यह पुस्तक लगभग डेढ़ दशकों के अध्यन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय भयावह है और सरकार कॉरपोरेट गटबंधन को तोड़ने में कानूनी तौर पर ग्राम सभ की जगहों पर सफल साबित हुई है।
वरिष्ठ पत्रकार रामनंदन सिंह ने कहा कि सामाजिक क्रांति की शुरुवात ग्राम सभा से ही होगी। उन्होंने पंचायत प्रितिनिधियों से ग्राम सभा को सशक्त बनाने की दिशा में पहल करने की सलाह दी।
सामाजिक कार्यकर्ता रंजन कुमार ने कहा कि ग्राम सभाओं में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा उपस्तिथि जरूरी है। सतीश कर। ने किताब कि जानकारी देते हुए कहा कि 9 अध्यायों में किताब को बांटा गया है। यह किताब ग्रामीणों और नीति नियंतकों के लिए जरूरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रवाह संस्था के सचिव दिलीप कुमार ने ग्राम सभा को सामुदायिक संसाधनों पर हक़ के लिए से संघर्ष करना होगा। कार्यक्रम में मुखिया सुरेश कुमार ने भी विचसर व्यक्त किया। संचालन प्रवाह की बबिता सिंह ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों के मुखिया और प्रतिनिधि उपस्तिथ थे।
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