देवघर- डा0 भीम राव अम्बेदकर की जयन्ती मनाई गई

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देवघर।

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डा0 भीम राव अम्बेदकर की जयन्ती के अवसर पर स्थानीय अम्बेदकर चैक के समीप बाबा साहब की आदमकद कांष्य प्रतिमा का अनावरण गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के सांसद  निशिकान्त दूबे, जरमुण्डी विधायक बादल पत्रलेख, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान, पूर्व मंत्री कृष्णानन्द झा, उपायुक्त श्री अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक ए0 विजयालक्ष्मी, सहित अन्य लोगों ने संयुक्त रूप से किया। साथ हीं डा0 अम्बेदकर पुस्तकालय में ई-पुस्तकालय का उद्घाटन भी किया गया। इस अवसर पर सांसद निशिकान्त दूबे ने कहा कि वर्ष, 2015 में प्रधान मंत्री द्वारा डा0 अम्बेदकर की 125वीं जयन्ती दो दिनों तक पूरे देश में मनाते हुए आधुनिक भारत के निर्माण मे डा0 अम्बेदकर की भूमिका पर चर्चा करायी गयी थी। आज पूरे देश में डा0 अम्बेदकर की जयन्ती सरकार के द्वारा मनायी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भारत में सभी लोगों का जाति-धर्म, वर्ण, सिर्फ सनातन था। सांसद ने कहा कि डा0 अम्बेदकर संविधान निर्मित नहीं होते तो आज गरीबों के बच्चे उच्च पदों पर आसीन नहीं हो पाते। डा0 अम्बेदकर पुस्तकालय की सराहना करते हुए उन्होने कहा कि इस पुस्तकाल से यहाँ के बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। पुस्तकालय के उपरी भवन का निर्माण अपने सांसद निधि से कराने की घोषणा भी किया गया।
जरमुण्डी विधायक बादल पत्रलेख ने कहा कि डा0 अम्बेदकर की प्रतिमा को तोड़ने वाले असमाजिक तत्वों को भव्य प्रतिमा लगाकर जवाब दिया गया है। डा0 अम्बेदकर ने देश व मानवता के लिए जीन का कार्य किया है। उन्होने कहा कि बाबा साहब का सपना सिर्फ जयन्ती मनाने से साकार नहीं होगा। इसके लिए गांव-गांव में फैले छुआ-छूत भेद-भाव को मिटाते हुए विकास करना होगा।
उपायुक्त ने कहा कि आज देश के हर टोला, पंचायत में डा0 अम्बेदकर की जयन्ती मनाई जा रही है। इनके द्वारा देश को दिये गये संविधान से समाज में समानता देखने को मिल रही है। उन्होने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े विष्वविद्यालय कोलम्बिया में डा0 अम्बेदकर की प्रतिमा को स्थापित कर भारत को सम्मान देने का काम किया गया है। देवघर की जनता ने बाबा साहब की मूर्ति तोड़ने वाले को भव्य प्रतिमा लगाकर करारा जवाब देने का कार्य किया है। डा0 अम्बेदकर किसी जाति-धर्म के नहीं थे। ये सभी भारत वासियों के लिए हैं।
पूर्व मंत्री श्री सुरेश पासवान ने कहा कि काफी संघर्ष के बाद बाबा साहब की कांष्य प्रतिमा स्थापित हुई हैं। इसके पूर्व स्थापित प्रतिमा को खण्डित करने वाले असमाजिक तत्वों को आम जनता व प्रशासन ने अपने संघर्ष एवं सहयोग के बल पर जोरदार जवाब दिया जो काबिले तारिफ है।

 

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