दरभंगा:बाढ़ की विभीषिका पर आधारित कवि-सम्मेलन ‘बाढ़ि दू हजार सतरह’ का हुआ आयोजन

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अजय धारी सिंह

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दरभंगा।

रविवार को बाढ़ की विभीषिका पर आधारित कवि-सम्मेलन ‘बाढ़ि दू हजार सतरह’ का आयोजन दरभंगा के मिर्जापुर स्थित भगवान निवास मे हुआ । मैथिली साहित्य के चिर परिचित हास्य कवि डा जय प्रकाश चौधरी ‘जनक’ की अध्यक्षता मे आयोजित कवि सम्मेलन का उद्घाटन दरभंगा के वरीय उप समाहर्ता डाo रविन्द्र कुमार दिवाकर ने किया और बतौर मुख्य अतिथि विष्णु देव झा ‘विकल’ इसके गवाह बने . सद्भावना यात्रा समिति ,दरभंगा के तत्वावधान मे आयोजित इस कवि सम्मेलन का उद्घाटन भीनिराले अंदाज मे हुआ । अतिथियों ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन लोटा से जल का अर्घ्य देकर किया ।
मणिकांत झा के संचालन मे आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ दीपक कुमार झा के गाये गणेश वंदना से हुआ । इस कवि सम्मेलन मे कवियों ने अपनी रचना के माध्यम से बाढ़ की विभीषिका का विषद वर्णन किया. कवियों में फूल चन्द्र ‘प्रवीण’, विभूति आनन्द , शारदा नन्द सिंह, संजीव कुमार मिश्र , शंभू नाथ मिश्र, प्रवीण कुमार झा,अमर कांत कुमर, सुमित गुंजन, राघव रमन , सुरेंद्र चौधरी, आदि के नाम प्रमुख हैं । संयोजक मणिकांत झा ने बताया कि आज पढ़े गये कविताओं का संग्रह पुस्तक के रुप मे शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा ।
इससे पूर्व आगत अतिथियों एवं कवियों का स्वागत पाग एवं चादर से जीव कांत मिश्र एवं विनोद कुमार झा ने किया . धन्यवाद ग्यापन विजय कांत झा के उदबोधन से हुआ . कार्यक्रम को सफल बनाने मे प्रकाश कुमार चौधरी, रंजीत कुमार, अभिमन्यु झा, कुंदन कुमार, कमलेश झा, दिलीप कुमार पिंटू , कुशल कुमार आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही ।

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