अजीत कुमार , जामताड़ा
विकास के नाम पर जामताड़ा में कमीशन का खेल बदस्तूर जारी है. लेकिन उस पर लगाम लगाना तो दूर किसी कि नजर भी नहीं जा रही है. जिले का विकास करने बड़ी कम्पनिय तो आई लेकिन खुद काम करने के बजाये कमीशन का खेल शुरू कर दिया है. केसिपीएल कंपनी कि ओर से जामताड़ा में होने वाली सड़क निर्माण का काम अब खुले बाजार में ४० प्रतिशत पर बिक रहा है. जिसने लिया उसका पौ बारह जो नहीं सेट कर सका उसने चिल्लाना शुरू कर दिया.
जामताड़ा में विकास योजनाओ में काम के बदले खेल को अंजाम दिया जा रहा है. कहने को समय पर स्कीम पूरी करने कि बात दिखाई जा रही है लेकिन हकीकत में कमीशन का खेल खेला जा रहा है. बड़ी कंपनी काम में गति देने के नाम पर खुद करने कि बजाये नए लोगों को परसेंटेज पर काम बाँट रही है. जामताड़ा में चल रहे लगभग २०० करोड कि लागत से बनने वाले सड़क निर्माण कार्य का. केसिपीएल कंपनी ने जिला में काम लिया है. अब जब समय पर काम पूरा करने कि बात आ रही है तो कंपनी खुद काम करने कि बजाये स्थानीय स्तर पर बड़े ठेकेदारों को काम बाँट दिया है. जिसमे कंपनी अपना कमीशन रख लिया है. अब उन ठेकेदारों ने भी बिना पूंजी लगाये मुनाफा कमाने का रास्ता निकल लिया है.
ठेकेदारों ने कंपनी के परसेंटेज पर अपना कमीशन रखकर पेटी कोंट्राक्ट पर काम बेच दिया है. जिला के कोर्ट रोड से श्यामपुर विरगाँव वाली सड़क में कुल २६ कलवर्ट बनना है जिसे नए लोगों के हाथ बेच दिया गया है. काम लेने के प्रयास में लगे लोगों ने बताया कि ४० प्रतिशत खर्च काट कर पति पर काम दिया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि जब ४० प्रतिशत कट जायेगा तब काम कि गुणवत्ता कैसी होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
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