पेट्रोलियम उत्पाद वाले केमिकल और वाशिंग शैम्पू घुलने से नदी जल हो रहा प्रदूषित
स्वर्णरेखा के नगरीय तटों को “नो वाशिंग जोन” बनाने की है तैयारी
जमशेदपुर।
कार्यपालक मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने रविवार को गाँधी घाट के निकट स्वर्णरेखा नदी के तटीय इलाकों का निरीक्षण किया। नदी में बड़ी संख्या में लोग अपने वाहनों की धुलाई करते हुए मिले। संजय कुमार ने उन्हें जल प्रदूषण और नदी संरक्षण सम्बन्धी प्रावधानों के बारे में बताते हुए चेतावनी दी कि वे भविष्य में अपने वाहनों को नदी मे धोने के बजाय प्रदूषण विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप संचालित धुलाई सेंटरों में धुलवाएं। कहा कि नदी में गाड़ियां धोने के कारण इन वाहनों से उत्सर्जित या रिसने वाले खतरनाक पेट्रोलियम अपशिष्ट नदी जल को दूषित करते हैं साथ ही धुलाई में प्रयुक्त सख्त साबुन व शैम्पू भी पानी की गुणवत्ता घटाते हैं। इससे जल में स्थाई अशुद्धियाँ मिल जातीं हैं जिनको वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम की मदद से भी हटाना मुश्किल होता है। फलस्वरूप मानव स्वास्थ्य के साथ साथ जलीय जंतुओं के अस्तित्व पर भी खतरा पैदा होता है। मौके पर मौजूद कुछ टेम्पो चालकों ने उन्हें बताया कि इस नदी घाट पर कार, ट्रक, बस सहित लगभग 100 छोटी बड़ी गाड़ियों की धुलाई प्रतिदिन होती है। संजय कुमार ने बताया कि जल्द ही यहां “नो वाशिंग जोन” के सूचना बोर्ड लगाकर तथा समुचित प्रचार प्रसार कर वाहनों को यहाँ नहीं धोने के लिए प्रेरित किया जायेगा। इतना ही नहीं उल्लंघन कर्ताओं पर जुर्माना अधिरोपित करने की भी योजना बनाई जा रही है।
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