जमशेदपुर।
झारखंड पीपुल्स पार्टी आगामी 21 नवंबर को विधानसभा के समक्ष सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन के खिलाफ एक दिवसीय धरना देगा। जबकि झापीपा अध्यक्ष सह पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा 22 नवंबर को होनेवाले झारखंड स्थापना दिवस के आयोजन का बहिष्कार करेंगे। उक्त जानकारी आज यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में झापीपा अध्यक्ष सूर्य सिंह बेसरा ने दी। उन्होंने कहा कि झापीपा का महाधिवेशन 30 दिसंबर को जमशेदपुर में आयोजित किया जाएगा।
एक्ट में संशोधन, संविधान और सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना
श्री बेसरा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल है। 9 जजों की पूर्ण पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि इस एक्ट में किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के बिना लोकसभा या विधानसभा इस एक्ट में छेड़छाड़ नहीं कर सकती। यदि रघुवर सरकार यह बिल विधानसभा में लाती है तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना होगी। इसके लिए हम न्यायालय की शरण में जाएंगे। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार द्वारा घोषित की गयी स्थानीय नीति भी गैर संवैधानिक है। किसी राज्य की स्थानीय नीति बनाने का अधिकार सिर्फ भारत की संसद को है। हम इसके खिलाफ भी सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे।
दैनिक मजदूरों का जमा पैसा भी काला धन बन गया
श्री बेसरा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित मुद्रा नीति राष्ट्रहित में हो सकती है। लेकिन दिन प्रतिदिन इससे समाज प्रभावित हो रहा है। मेहनतकश मजदूरों का पैसा भी कालाधन बन गया है जो गलत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वादे के अनुसार पहले विदेशों से काला धन लाना चाहिए था।
हेमंत ने भी किया सीएनटी एक्ट का उल्लंघन
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी से लेकर रघुवर दास तक सभी मुख्यमंत्रियों की पोल झारखंड पीपुल्स पार्टी खोलेगा। हेमंत सोरेन ने भी सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदी है। बाबूलाल जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने भी राष्ट्रीय उच्चपथ के दोनों ओर की 5 किलोमीटर जमीन को सीएनटी एक्ट से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया था। कांग्रेस ने भी मधुकोड़ा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाकर खूब मलाई चाटी। उन्होंने कहा कि हम 2019 के चुनाव में जनता को एक विकल्प देंगे। हम किसी से चुनावी तालमेल नहीं करेंगे।
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