फर्जी स्कूल की शिक्षिका से वेतन वापसी का निर्देश, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सतीश को दी शाबासी
जमशेदपुरः सरायकेला खरसावां जिला भाजपा के मंत्री सतीश शर्मा का प्रयास रंग लाया. शिक्षा विभाग में उनके द्वारा लगातार अनियमितताओं के उजागर किये जाने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी दिलचस्पी ली है और जांच के आदेश दिये हैं, जिसके बाद से शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है. पहले तो एक फर्जी स्कूल का मामला उजागर किया, जिसका असर यह हुआ कि इस पर जांच बैठ गयी. साथ ही उक्त फर्जी स्कूल की शिक्षिका को वेतन वापसी के आदेश जारी कर दिये गये हैं, साथ ही फर्जी स्कूल किसने खोला, क्यों खोला और इसमें कौन-कौन से पदाधिकारी शामिल थे, इसकी जांच की जा रही है. जल्द ही रिपोर्ट आ जाने की उम्मीद है. उधर यह मामला ठंढा भी नहीं हुआ था कि एक और मामला उजागर हो गया, जिसमें राम मड़ैया का स्कूल बिना शिक्षक के दो दिन चलता रहा. फिर आनन- फानन में वहां शिक्षक की नियुक्ति की गयी. सतीश शर्मा का कहना है कि सरायकेला खरसावां जिले में शिक्षा की बद से बदत्तर है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक हैं, तो कई स्कूलों में जरूरत से कम. प्रतिनियोजन (डेपुटेशन) का खेल तो ऐसा चल रहा है, जिससे यहां भ्रष्टाचार का इतिहास रच दिया है. यही कारण है कि उन्होंने इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अभिया न छेड़ दिया है. श्री शर्मा ने कि इस मामले को वे अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लेंगे. इसमें शामिल अधिकारियों व शिक्षकों को जेल पहुंचा कर ही दम लेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जो भ्रष्टाचार का समूल नाश करने का बीड़ा जो उठाया है, उसमें वे एक तिनका की भूमिका निभा रहे हैं.
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