जमशेदपुर-पोटका का दामूडीह घोषित हो सकता है पूर्वी सिंहभूम का पहला शराब मुक्त गांव 

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निरीक्षण में पुष्टि होने पर सरकार की तरफ से दिए जायेंगे एक लाख रूपए 

 

जिले में अगर अन्य गांव हैं इस तरह तो उन्हें भी डीसी के पास दावा के समर्थन में देना होगा आवेदन 

जमशेदपुर।

पोटका की शंकरदा पंचायत का दामूडीह गांव आधिकारिक रूप से जिले का पहला शराब मुक्त गांव का ख़िताब पा सकता है। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के उपसमाहर्ता संजय कुमार ने रविवार को दामूडीह पहुच कर वह के ग्राम प्रधान, ग्राम्य पुजारी तथा अन्य गणमान्य लोगो को इस बावत अपनाई जाने वाली पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी।  बतादें कि पोटका दामूडीह गांव में वर्षों से शराबबंदी के लिए ग्रामीणों द्वारा  सामूहिक प्रयास किया जा रहा है।  जिसके परिणाम स्वरुप आज इस गांव के सीमा के अंदर में शराब की खरीद विक्री के अलावा सेवन सामाजिक रूप से प्रतिबंधित है। यहाँ के ग्राम प्रधान ठाकुर मांझी बताते हैं कि गांव के अंदर शराब निर्माण या  बिक्री  करते पकडे जाने पर 10 हजार तथा पीने पर 5000 रुपये का सामाजिक अर्थ दंड लगाया जाता है। परिणाम स्वरूप गांव में पूर्ण शराबमुक्ति जैसी स्थिति कई वर्षों से है। मांझी ने बताया कि शराब का सेवन नहीं होने से गांव में झगड़ा फसाद भी नहीं होता इसलिए पुलिस अभिलेख में  कोई आपराधिक मामला अब तक दर्ज नहीं है।   बीते जनवरी से उप समाहर्ता संजय कुमार द्वारा इस गांव में शराब के अतिरिक्त तम्बाकू , बीड़ी , सिगरेट , गुटखा आदि का भी सेवन नहीं करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। गांव  के कई परिवारों ने अपने दरवाजों पर स्वघोषणा भी चस्पा की हुई है कि उनके घर में किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं किया जाता है।  नशामुक्त दामूडीह के दावा से सम्बंधित आवेदन शीघ्र ही शंकरदा पंचायत की मुखिया श्री मती कपरा हांसदा उपायुक्त के पास देंगी। संजय कुमार ने कहा कि यदि जिले में ऐसे दुसरे गांव भी हैं जहाँ शराब सामाजिक रूप से प्रतिबंधित है तो सम्बंधित मुखिया उपयुक्त को सम्बोधित पत्र के माध्यम से दावा पेश कर सकते हैं।  माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने नशामुक्ति की दिशा मे सकारात्मक माहौल बनाने के लिहाज़ से पिछले दो वर्षों से ही लगातार प्रमुख कार्यक्रमों / सम्मेलनों में सार्वजनिक रूप से कहते आये हैं कि शराब मुक्त गांव को एक लाख रूपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

क्या है गाइडलाइन 

मुख्यमंत्री के ध्येय को धरातल पर उतारने के लिए बीते दिनों राज्य कैबिनेट की 100 वीं बैठक में  नशामुक्त गांव घोषित करने के लिए गाइड लाइन की मंजूरी दी गयी थी . इसके तहत कोई गांव नशामुक्त तब घोषित होगा, जब उस गांव का मुखिया डीसी के पास आवेदन देगा कि उसके गांव में पिछले एक वर्ष से नशाखोरी नहीं हो रही है. न ही अवैध शराब बन रहा है।  इसके बाद एक निरीक्षण समिति  जिसमें बीडीओ, पंचायत समिति के सदस्य, एसएचजी व उत्पाद विभाग के अधिकारी होंगे, उस गांव का निरीक्षण करेंगे। उक्त  कमेटी की अनुशंसा के बाद ही गांव आधिकारिक रूप से नशामुक्त घोषित होगा। फलस्वरूप  उत्पाद विभाग उस गांव को एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि  देगा।

 

कब दी जाएगी पुरस्कार राशि 

निर्धारित प्रक्रिया के बाद आधिकारिक रूप से घोषित शराब मुक्त गांव को राष्ट्रीय पर्व जैसे स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस या गाँधी जयन्ती आदि अवसरों पर आयोजित सार्वजनिक समारोह में विधिवत ससम्मान  यह पुरस्कार राशि सम्बंधित गांव को प्रदान की जाएगी।  उक्त राशि को उस गांव के ही विकास खर्च में ही उपयोग किया जाना होगा। 

 

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