जमशेदपुर-पति-पत्नी, सगी बहनों सहित 18 सदस्यों ने किया देहदान

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जमशेदपुर । झारखंड में पहली बार रविवार को जमशेदपुर रेडक्रास में एकसाथ 18 लोगों ने देहदान कर नजीर पेश की। इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में कभी देहदान नहीं हुआ था। देहदान करने वालों में पति-प}ी और सगी बहनें भी शामिल हैं। अभियान फॉर ए बेटर टुमॉरो घाटशिला द्वारा रेडक्रास भवन में देह-दान यज्ञ का आयोजित किया गया था। मुख्य अतिथि कृषि मंत्री रणधीर सिंह व विशिष्ट अतिथि उपायुक्त अमित कुमार, एमजीएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसी अखौरी, डॉ. वनिता सहाय, वरिष्ठ पत्रकार रंजीत सिंह भी उपस्थित थे। मंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक, पवित्र और समाज को कुछ देने वाला यह कार्यक्रम है। हम सब इंसान के रूप में पैदा हुए हैं। इसलिए इस पवित्र काम को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी है। इस नेक काम में एमजीएम मेडिकल कॉलेज भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक संदेश देने का काम करेगा। वहीं सरकार इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में हर संभव मदद करेगी। जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। देहदान कार्यक्रम में बुजुर्ग ही नहीं युवा भी शामिल थे। इस मौके पर उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि इस सराहनीय कार्य में प्रशासन का भरपूर सहयोग मिलेगा। कहा कि अगले दो माह के अंदर एमजीएम अस्पताल में आई बैंक की स्थापना होनेवाली है। इससे अधिक से अधिक लोग नेत्र दान कर पाएंगे और उससे दूसरे को नई रोशनी मिल सकेगा। देहदान करनेवाले सभी 18 लोगों ने मृत्यु उपरांत देहदान हेतु संकल्प पत्र भरा। 15 लोग देहदान करने के लिए फॉर्म लेकर गए। इस अवसर पर रेडक्रास के उपाध्यक्ष विकास सिंह सचिव विजय सिंह, श्याम कुमार, रोशनी संस्था के शिवेंद्र कुमार दुबे और रेणु सिंह उपस्थित थीं।
इन्होंने किया देहदान : अमृता रानी (34), अनुराग (38), प्रो. भुवनेश्वरी षंडगी (64), विजय कुमार पांडे (48), इंदल पासवान (40), जयंत कुमार श्रीवास्तव (56), माला पांडे (43), मंजू ठाकुर (67), प्रो. मित्रेश्वर (70), मुकेश रंजन (39), राकेश शर्मा (52), राम प्रवेश सिंह (73), रेणुका चौधरी (64), गौतम मुखर्जी (58), अनिता शर्मा (51), शिशिर कुमार (53), सुनीता चक्रवर्ती (69), प्रो. अशोक कुमार खानी (36)।

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एमजीएम को हर साल 12 देह चाहिए : एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस व पांच पीजी की सीटें है। इन छात्रों के अध्ययन के लिए प्रतिवर्ष 10 से 12 मानव शरीरों की आवश्यकता होगी है, लेकिन दो से चार ही मिल पाता है।

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