जमशेदपुर-टाटा स्टील ने पी एन बोस की 160 वीं जयंती पर उनके अमूल्य योगदान को याद किया

53

 

 

जमशेदपुर

टाटा स्टील ने आज स्वर्गीय प्रमथनाथ बोस ;पी एन बोसद्ध को उनकी 160 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और टाटा स्टील तथा भारतीय इस्पात उद्योग की नींव रखने में उनके बहुमूल्य योगदान को कृतज्ञतापूर्वक याद किया।  इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के जरिए उस महान शख्सियत को नमन किया गया जिनके लौह अयस्क के भंडारों से संबंधित शोध के नतीजों ने जमशेतजी नसेरवानजी टाटा को साकची मेंए जो आज इस्पात नगरी जमशेदपुर का एक हिस्सा हैए इस्पात उद्योग की आधारशिला रखने को प्रेरित किया।

 

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री आनंद सेनए प्रेसिडेन्टए टीण्क्यूण्एम व स्टील बिजनेसए टाटा स्टीलए विशिष्ट अतिथि श्री आर रवि प्रसादए अध्यक्षए टाटा वर्कर्स यूनियन एवं डॉण् टी मुखर्जीए पूर्व डेपुटी मैनेजिंग डाइरेक्टरए टाटा स्टील ने स्वर्गीय पी एन बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर टाटा स्टील के वरीय अधिकारीए कर्मचारीगण तथा यूनियन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

 

स्वर्गीय पी एन बोस के योगदान का स्मरण करते हुए श्री आनंद सेन ने कहा श्यह उनके बहुमूल्य शोध के नतीजों का ही परिणाम है कि टाटा स्टील कच्चे माल की उपलब्धता की दृष्टि से सबसे उपयुक्त स्थानों में से एक पर अवस्थित है। वैश्विक परिस्थितियों में बदलाव आएगा और हमारे कामकाज की रणनीति भी बदलेगीए पर यह तथ्य कि पिछले एक सदी से टाटा स्टील पूरी दृढ़ता के साथ मौजूद है इस बात का प्रमाण है कि स्वर्गीय बोस का अवदान कितना बहुमूल्य था। श्

 

श्री रवि प्रसाद ने स्वर्गीय पी एन बोस के जीवन एवं साकची में स्टील प्लान्ट की स्थापना में उनके अवदान का जिक्र किया और कहा कि उनके इस योगदान की वजह से ही भारत में इस्पात उद्योग की आधारशिला रखी गयी।

इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉण् टी मुखर्जी ने कहाए ष्पी एन बोस की प्रतिमा जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। टाटा स्टील ने इस प्रतिमा को स्थापित करने के लिए प्राइम लोकेशन में स्थान उपरब्ध कराया और पी एन बोस तथा टाटा स्टील के बीच के अटूट संबंध को रेखांकित किया।

 

इस मौके पर पी एन बोस पर आधारित एक थिमेटिक प्रदर्शनी बी आयोजित की गयी और एक विशेष ब्रोशर जारी किया गया ताकि लोगों को स्वर्गीय बोस से जीवन और कृतित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा सके।

 

 

12 मईए 1855 को पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के एक सुदूर ग्राम गायपुर में जन्मे पी एन बोस ने लंदन विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक किया और 1878 में रॉयल स्कूल ऑफ माइन्स से डिग्री हासिल की। एक जियोलोजिस्ट के रूप में काम करते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश के ढुल्ली एवं रजहरा में लौह अयस्क के भंडारों की खोज की। उनके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी मयूरभंज राज्य के गोरुमहिसानी में लौह अयस्क के भंडार का पता लगाना। इस खोज के बादए स्वर्गीय पी एन बोस ने 24 फरवरीए 1904 को जे एन टाटा को एक पत्र लिखाए जिसके परिणामस्वरूप साकची में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी की स्थापना हुई।

 

स्वर्गीय बोस के नाम कई उपलब्धियाँ दर्ज हैं। वे एक ब्रितानी विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की डिग्री हासिल करनेवाले पहले भारतीय है असम में पेट्रोलियम की खोज भी उन्होंने ही की धीय भारत में पहली बार साबुन फैक्ट्री की स्थापना का श्रेय भी उन्हें ही हासिल है और पेट्रोलॉजिकल वर्क में माइक्रो सेक्शन के इस्तेमाल की शुरुआत भी उन्होंने ही की थी। वे प्रथम भारतीय थे जिन्हें जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में ग्रेडेड पद हासिल किया था जहाँ  उन्होंने कई महत्वपूर्ण कामयाबियाँ हासिल कीं। बतौर वैज्ञानिकए उन्होंने भारत में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान किया। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप ही बेंगाल टेक्नीकल इंस्टीच्यूट की स्थापना की गयी जिसे आज जादवपुर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। स्वर्गीय बोस इसके पहले मानद प्राचार्य थे।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More