जमशेदपुर-टाटा स्टील के 31 मार्च, 2015 को समाप्त चौथी तिमाही एवं पूरे साल से संबंधित समेकित वित्तीय परिणाम जारी
जमशेदपुर।
टाटा स्टील समूह (“कंपनी”) ने 31 दिसंबर, 2015 को समाप्त पूर्ण वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 15) एवं चौथी तिमाही (Q4FY’15) के समेकित वित्तीय परिणाम आज घोषित कर दिये। कंपनी ने संबंधित वित्त वर्ष के दौरान 26.32 मिलियन टन एवं चौथी तिमाही में 7.06 मिलियन टन की डिलीवरी रिकॉर्ड की। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का कुल टर्नओवर ₹139,504 करोड़ रहा, जबकि तिमाही के दौरान टर्नओवर था ₹33,666 करोड़। कंपनी ने प्रति शेयर ₹8 का इक्विटी लाभांश घोषित किया।
भारतीय व्यवसाय
भारतीय इस्पात उद्योग में इस्पात की खपत वाले सभी उद्योगों में मांग में गिरावट देखी गयी। कम कीमत पर आयात में बढ़ोतरी हुई है, खासकर चीन, जापान एवं कोरिया से, जिसकी वजह से इस्पात की कीमतों में तेजी से करेक्शन हुआ, खासकर वर्ष के अंतिम कुछ महीनों के दौरान।
इन सभी चुनौतियों के बावजूद, कंपनी के भारतीय ऑपरेशन्स ने हॉट मेटल, क्रूड स्टील एवं बिक्री योग्य स्टील का सर्वाधिक उत्पादन दर्ज किया एवं अपने व्यवसाय के महत्वपूर्ण सेगमेंट में डिलीवरी में सफलतापूर्वक इजाफा किया।
- ऑटोमोटिव एवं स्पेशल प्रोडक्ट्स की बिक्री में पिछले वर्ष के मुकाबले 15% की बढ़ोतरी हुई, जबकि ब्रान्डेड उत्पादों, रिटेल एवं सॉल्यूशन्स की बिक्री में भी 10% का इजाफा हुआ। टाटा टिस्कॉन, टाटा शक्ति एवं टाटा स्टीलियम जैसे ब्रान्डों ने वर्ष के दौरान अबतक की सर्वश्रेष्ठ बिक्री दर्ज की।
- कंपनी की कैप्टिव खदानों में वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में कामकाज जारी रहा और खनन संबंधी ऑपरेशन्स वापस सामान्य स्तर पर पहुँचने में कामयाब हुए।
- वित्त वर्ष 15 के दौरान टर्नओवर ₹41,785 था, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹41,711 करोड़ था, और वॉल्यूम में इजाफा बहुत हद तक कम वसूली एवं कमजोर मांग की वजह से ऑफसेट हो गया। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में टर्नओवर 7 फीसदी बढ़कर ₹10,635 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछली तिमाही के 9,897 करोड़ से तो बेहतर है, किंतु वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 12,191 करोड़ से 13 फीसदी कम है। आमदनी में पिछली तिमाही की तुलना में हुई बढ़ोतरी की वजह वॉल्यूम थी, पर यह अपेक्षतया निम्न रियलाइजेशन की वजह से आंशिक रूप से ऑफसेट हो गया।
- वित्त वर्ष 15 में ईबीआईटीडीए 10,102 करोड़ रु. रहा और इसमें वित्त वर्ष 14 के 13,281 करोड़ रु. की तुलना में 24% की कमी आयी है। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में समूह का ईबीआईटीडीए ₹1,661 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह ₹1,979 करोड़ एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ₹4,052 करोड़ था।
. इस कमी की वजह थी रियलाइजेशन (वसूली) में तीव्र कमी तथा नियामक कार्रवाइयों की वजह से कैप्टिव माइनिंग बंद होने के कारण पिछली तिमाहियों के दौरान ऑपरेशन्स को सपोर्ट करने हेतु लौह अयस्क की खरीद की वजह से लौह अयस्क पर आयी लागत में बढ़ोतरी।
- वित्त वर्ष 15 में करोपरांत मुनाफा ₹6,439 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह था ₹6,412 करोड़। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में मुनाफा ₹814 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह था ₹881 करोड़ एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में यह था ₹1,979 करोड़।
- वित्त वर्ष 15 में बेसिक अर्निंग्स पर शेयर (ईपीएस) आंशिक रूप से बढ़कर ₹64.49 तक पहुँच गया, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹64.21था। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में ईपीएस था ₹7.94, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह था ₹8.61 और वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में यह ₹19.93 था।
यूरोपीय व्यवसाय
यूरोप में माँग एवं ऑपरेशन से संबंधित कठिनाइयों के बावजूद वॉल्यूम स्थिर रहा। निम्न टर्नओवर की वजह थी विक्रय मूल्य में कमी। इसके बावजूद ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार हुआ और ईबीआईटी पॉजिटिव हो गया।
- यूरोप में मार्केट डिफरेन्शिएशन की रणनीति में भी काफी प्रगति हुई। डिफरेन्शिएटेड उत्पादों की बिक्री वर्ष के दौरान
कुल बिक्री की एक तिहाई से भी ज्यादा स्तर तक पहुँच गयी। नये उत्पादों की बिक्री में वॉल्यूम की दृष्टि से 16 फीसदी का इजाफा हुआ एवं कंपनी ने वित्त वर्ष 15 के अंत तक अपने पोर्टफोलियो में शामिल नये उत्पादों की संख्या 113 तक बढ़ा ली।
- वित्त वर्ष 15 में लिक्विड स्टील का उत्पादन वित्त वर्ष 14 के 15.55 मिलियन टन से 2.5 फीसदी घटकर 15.16 मिलियन टन पर आ गया। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में 3.91 मिलियन टन का उत्पादन हुआ, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के 3.74 मिलियन टन से 4.5 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 4.04 मिलियन टन से 3 प्रतिशत कम है।
- वित्त वर्ष 15 में डिलीवरी थोड़ा कम यानी 13.67 मिलियन टन रही और इस प्रकार इसमें वित्त वर्ष 14 के 13.86 मिलियन टन की तुलना में आंशिक गिरावट दर्ज की गयी। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में 3.81 मिलियन टन की डिलीवरी हुई, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के 3.31 मिलियन टन से 15 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 4.07 मिलियन टन से 6.5 प्रतिशत कम है।
- वित्त वर्ष 15 में टर्नओवर ₹79,878 करोड़ रहा, जबकि पिछले वर्ष में यह आंकड़ा था ₹84,666 करोड़। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में टर्नओवर था ₹19,537 करोड़, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह ₹19,399 करोड़ एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ₹24,376 करोड़ था। टर्नओवर में कमी की वजह थी कच्चे माल की कीमतों में गिरावट, जिसकी वजह से रियलाइजेशन में कमी आयी।
- वित्त वर्ष 15 में ईबीआईटीडीए 42 फीसदी बढ़कर ₹4,285 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹3,008 करोड़ था और यह मार्जिन में सुधार एवं बेहतर मार्केट पोजिशनिंग की ओर इंगित करता है। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए ₹1,053 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के ₹1,308 करोड़ से कम, पर वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के ₹817 करोड़ से 29 फीसदी ज्यादा है।
- वित्त वर्ष 15 में ईबीआईटी था 1,015 करोड़ का मुनाफा, जो पिछले वर्ष के ₹158 करोड़ के नुकसान से काफी बेहतर है। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में ईबीआईटी ₹280 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के ₹16 करोड़ से काफी बेहतर, पर वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के ₹485 करोड़ से कम है। बेहतर आंकड़ों का श्रेय ज्यादा विस्तृत बाजार एवं प्रीमियम उत्पादों के वॉल्यूम में बढ़ोतरी को जाता है।
दक्षिण पूर्व एशिया
दक्षिण पूर्व एशियायी ऑपरेशन्स कमजोर माँग एवं रिबार-स्क्रैप स्प्रेड में संकुचन तथा चीन से होनेवाले आयात में काफी बढ़ोतरी की वजह से प्रभावित हुए।
सिंगापुर में नैटस्टील के ऑपरेशन्स में डिलीवरी में बढ़ोतरी हुई, हालांकि चीन में डिलीवरी में कमी आयी। टाटा स्टील थाईलैंड ने भी चौथी तिमाही में बिक्री में इजाफा दर्ज किया और साथ ही वैल्यू ऐडेड रिबार की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई।
वित्त वर्ष 15 में डिलीवरी थोड़ा कम यानी 3.59 मिलियन रही, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह 3.98 मिलियन टन थी। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में डिलीवरी थोड़ा कम यानी 0.76 मिलियन रही और इस प्रकार इसमें
- वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के 0.80 मिलियन टन एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 1.07 मिलियन टन की तुलना में गिरावट दर्ज की गयी।
- वित्त वर्ष 15 में टर्नओवर ₹13,048 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹16,988 करोड़ था। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में टर्नओवर ₹2,461 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के ₹2,831 करोड़ से कम एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के ₹4,365 करोड़ से काफी कम है।
टाटा स्टील के 31 मार्च, 2015 को समाप्त चौथी तिमाही एवं पूरे साल से संबंधित समेकित वित्तीय परिणाम जारी
जमशेदपुर।
टाटा स्टील समूह (“कंपनी”) ने 31 दिसंबर, 2015 को समाप्त पूर्ण वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 15) एवं चौथी तिमाही (Q4FY’15) के समेकित वित्तीय परिणाम आज घोषित कर दिये। कंपनी ने संबंधित वित्त वर्ष के दौरान 26.32 मिलियन टन एवं चौथी तिमाही में 7.06 मिलियन टन की डिलीवरी रिकॉर्ड की। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का कुल टर्नओवर ₹139,504 करोड़ रहा, जबकि तिमाही के दौरान टर्नओवर था ₹33,666 करोड़। कंपनी ने प्रति शेयर ₹8 का इक्विटी लाभांश घोषित किया।
भारतीय व्यवसाय
भारतीय इस्पात उद्योग में इस्पात की खपत वाले सभी उद्योगों में मांग में गिरावट देखी गयी। कम कीमत पर आयात में बढ़ोतरी हुई है, खासकर चीन, जापान एवं कोरिया से, जिसकी वजह से इस्पात की कीमतों में तेजी से करेक्शन हुआ, खासकर वर्ष के अंतिम कुछ महीनों के दौरान।
इन सभी चुनौतियों के बावजूद, कंपनी के भारतीय ऑपरेशन्स ने हॉट मेटल, क्रूड स्टील एवं बिक्री योग्य स्टील का सर्वाधिक उत्पादन दर्ज किया एवं अपने व्यवसाय के महत्वपूर्ण सेगमेंट में डिलीवरी में सफलतापूर्वक इजाफा किया।
- ऑटोमोटिव एवं स्पेशल प्रोडक्ट्स की बिक्री में पिछले वर्ष के मुकाबले 15% की बढ़ोतरी हुई, जबकि ब्रान्डेड उत्पादों, रिटेल एवं सॉल्यूशन्स की बिक्री में भी 10% का इजाफा हुआ। टाटा टिस्कॉन, टाटा शक्ति एवं टाटा स्टीलियम जैसे ब्रान्डों ने वर्ष के दौरान अबतक की सर्वश्रेष्ठ बिक्री दर्ज की।
- कंपनी की कैप्टिव खदानों में वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में कामकाज जारी रहा और खनन संबंधी ऑपरेशन्स वापस सामान्य स्तर पर पहुँचने में कामयाब हुए।
- वित्त वर्ष 15 के दौरान टर्नओवर ₹41,785 था, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹41,711 करोड़ था, और वॉल्यूम में इजाफा बहुत हद तक कम वसूली एवं कमजोर मांग की वजह से ऑफसेट हो गया। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में टर्नओवर 7 फीसदी बढ़कर ₹10,635 करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछली तिमाही के 9,897 करोड़ से तो बेहतर है, किंतु वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 12,191 करोड़ से 13 फीसदी कम है। आमदनी में पिछली तिमाही की तुलना में हुई बढ़ोतरी की वजह वॉल्यूम थी, पर यह अपेक्षतया निम्न रियलाइजेशन की वजह से आंशिक रूप से ऑफसेट हो गया।
- वित्त वर्ष 15 में ईबीआईटीडीए 10,102 करोड़ रु. रहा और इसमें वित्त वर्ष 14 के 13,281 करोड़ रु. की तुलना में 24% की कमी आयी है। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में समूह का ईबीआईटीडीए ₹1,661 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह ₹1,979 करोड़ एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ₹4,052 करोड़ था।
. इस कमी की वजह थी रियलाइजेशन (वसूली) में तीव्र कमी तथा नियामक कार्रवाइयों की वजह से कैप्टिव माइनिंग बंद होने के कारण पिछली तिमाहियों के दौरान ऑपरेशन्स को सपोर्ट करने हेतु लौह अयस्क की खरीद की वजह से लौह अयस्क पर आयी लागत में बढ़ोतरी।
- वित्त वर्ष 15 में करोपरांत मुनाफा ₹6,439 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह था ₹6,412 करोड़। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में मुनाफा ₹814 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह था ₹881 करोड़ एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में यह था ₹1,979 करोड़।
- वित्त वर्ष 15 में बेसिक अर्निंग्स पर शेयर (ईपीएस) आंशिक रूप से बढ़कर ₹64.49 तक पहुँच गया, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹64.21था। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में ईपीएस था ₹7.94, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह था ₹8.61 और वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में यह ₹19.93 था।
यूरोपीय व्यवसाय
यूरोप में माँग एवं ऑपरेशन से संबंधित कठिनाइयों के बावजूद वॉल्यूम स्थिर रहा। निम्न टर्नओवर की वजह थी विक्रय मूल्य में कमी। इसके बावजूद ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार हुआ और ईबीआईटी पॉजिटिव हो गया।
- यूरोप में मार्केट डिफरेन्शिएशन की रणनीति में भी काफी प्रगति हुई। डिफरेन्शिएटेड उत्पादों की बिक्री वर्ष के दौरान
कुल बिक्री की एक तिहाई से भी ज्यादा स्तर तक पहुँच गयी। नये उत्पादों की बिक्री में वॉल्यूम की दृष्टि से 16 फीसदी का इजाफा हुआ एवं कंपनी ने वित्त वर्ष 15 के अंत तक अपने पोर्टफोलियो में शामिल नये उत्पादों की संख्या 113 तक बढ़ा ली।
- वित्त वर्ष 15 में लिक्विड स्टील का उत्पादन वित्त वर्ष 14 के 15.55 मिलियन टन से 2.5 फीसदी घटकर 15.16 मिलियन टन पर आ गया। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में 3.91 मिलियन टन का उत्पादन हुआ, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के 3.74 मिलियन टन से 4.5 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 4.04 मिलियन टन से 3 प्रतिशत कम है।
- वित्त वर्ष 15 में डिलीवरी थोड़ा कम यानी 13.67 मिलियन टन रही और इस प्रकार इसमें वित्त वर्ष 14 के 13.86 मिलियन टन की तुलना में आंशिक गिरावट दर्ज की गयी। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में 3.81 मिलियन टन की डिलीवरी हुई, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के 3.31 मिलियन टन से 15 फीसदी ज्यादा और वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 4.07 मिलियन टन से 6.5 प्रतिशत कम है।
- वित्त वर्ष 15 में टर्नओवर ₹79,878 करोड़ रहा, जबकि पिछले वर्ष में यह आंकड़ा था ₹84,666 करोड़। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में टर्नओवर था ₹19,537 करोड़, जबकि वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही में यह ₹19,399 करोड़ एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही में ₹24,376 करोड़ था। टर्नओवर में कमी की वजह थी कच्चे माल की कीमतों में गिरावट, जिसकी वजह से रियलाइजेशन में कमी आयी।
- वित्त वर्ष 15 में ईबीआईटीडीए 42 फीसदी बढ़कर ₹4,285 करोड़ तक पहुँच गया, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹3,008 करोड़ था और यह मार्जिन में सुधार एवं बेहतर मार्केट पोजिशनिंग की ओर इंगित करता है। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में ईबीआईटीडीए ₹1,053 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के ₹1,308 करोड़ से कम, पर वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के ₹817 करोड़ से 29 फीसदी ज्यादा है।
- वित्त वर्ष 15 में ईबीआईटी था 1,015 करोड़ का मुनाफा, जो पिछले वर्ष के ₹158 करोड़ के नुकसान से काफी बेहतर है। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में ईबीआईटी ₹280 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के ₹16 करोड़ से काफी बेहतर, पर वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के ₹485 करोड़ से कम है। बेहतर आंकड़ों का श्रेय ज्यादा विस्तृत बाजार एवं प्रीमियम उत्पादों के वॉल्यूम में बढ़ोतरी को जाता है।
दक्षिण पूर्व एशिया
दक्षिण पूर्व एशियायी ऑपरेशन्स कमजोर माँग एवं रिबार-स्क्रैप स्प्रेड में संकुचन तथा चीन से होनेवाले आयात में काफी बढ़ोतरी की वजह से प्रभावित हुए।
सिंगापुर में नैटस्टील के ऑपरेशन्स में डिलीवरी में बढ़ोतरी हुई, हालांकि चीन में डिलीवरी में कमी आयी। टाटा स्टील थाईलैंड ने भी चौथी तिमाही में बिक्री में इजाफा दर्ज किया और साथ ही वैल्यू ऐडेड रिबार की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई।
वित्त वर्ष 15 में डिलीवरी थोड़ा कम यानी 3.59 मिलियन रही, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह 3.98 मिलियन टन थी। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में डिलीवरी थोड़ा कम यानी 0.76 मिलियन रही और इस प्रकार इसमें
- वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के 0.80 मिलियन टन एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के 1.07 मिलियन टन की तुलना में गिरावट दर्ज की गयी।
- वित्त वर्ष 15 में टर्नओवर ₹13,048 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 14 में यह ₹16,988 करोड़ था। वित्त वर्ष 15 की चौथी तिमाही में टर्नओवर ₹2,461 करोड़ रहा, जो वित्त वर्ष 15 की तीसरी तिमाही के ₹2,831 करोड़ से कम एवं वित्त वर्ष 14 की चौथी तिमाही के ₹4,365 करोड़ से काफी कम है।
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