जमशेदपुर ।
आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से पूरे भारतवर्ष में लगभग 1008 जगह आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मनाया गया इस अवसर पर सीताराम जी ने बिरसानगर एवं गदरा में योगासन एवं ध्यान करवाया गया उन्होंने कहा कि योग के बल पर ही भारत दुनिया का विश्व गुरु बन सकता हैे कहा कि योग आसन एवं प्राणायाम तीनों अलग अलग चीज है जीवात्मा का परमात्मा के साथ एकाकार होने का नाम ही योग है जिस तरह पानी और चीनी को मिलाने से एकाकार हो जाता है ा यानि मिलने के बाद चीनी और पानी का अलग अस्तित्व नहीं रहता उसी तरह अध्यात्मिक साधना के माध्यम से जब साधक परमात्मा के साथ मिलकर एक हो जाता है तो उस समय मैं तथा परमात्मा का बोध का अस्तित्व नहीं रहता आनंदमार्ग के योग साधना में जीवात्मा को परमात्मा के साथ मिलाने की जो अध्यात्मिक साधना की प्रक्रिया है वही है योग . आसन करने से शरीर और मन स्वस्थ रहता है यह ग्रंथि दोष को दूर करता है आसन करने से मन अप्रिय चिंता से दूर हो जाता है या शुभ और उच्च कोटि के साधना में काफी मददगार साबित होता है नियमित आसन करने से शरीर में लचीलापन होता है योग करने से शरीर और मन का संतुलन बना रहता है प्रणायाम एक स्वास की प्रक्रिया है जो स्वास नियंत्रण के साथ ईश्वर भाव आरोपित करता है
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