जमशेदपुर-अनुपयोगी प्लास्टिक बोतलों एवं अन्य बेकार वस्तुओं से मिलकर बनेगा शौचालय 

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:पर्यावरणीय स्वच्छता हेतु पहल :

 

 

इस तरह का पहला शौचालय टेल्को क्षेत्र के गरुड़ बासा में इसी सप्ताह बनेगा

 

जमशेदपुर।  मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के उपसमाहर्ता संजय कुमार की पहल पर टेल्को इलाके में गरूड़बासा स्थित मानव विकास स्कूल में प्लास्टिक की  अनुपयोगी खाली पानी बोतलों की मदद से शौचालय निर्माण कार्य की योजना बनाई गयी। इस विद्यालय को क्षेत्र के कई  सेवानिवृत्त बुजुर्ग संचालित करते हैं। बुजुर्गों द्वारा बताया गया था कि विद्यालय में सिर्फ एक टॉयलेट है जबकि बच्चे अधिक हैं। इस योजना को मूर्त रूप देने में जो वित्तीय भार पड़ेगा उसे  हिलटॉप स्कूल की छात्रा मौन्द्रिता चटर्जी एवं परिजनों ने खर्च करने की पहल की है। यहाँ उल्लेखनीय है कि कक्षा सात की मौन्द्रिता पहले भी अपने खर्चे पर कुछ शौचालय बनवा चुकी है , जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। सोमवार को संजय कुमार ने गरुड बासा पहुंच विद्यालय के शिक्षकों के अलावा मौन्द्रिता चटर्जी एवं परिजनों से इस पर्यावरणीय पहल को मूर्त रूप देने के लिए आगे आने को कहा।  इस प्रस्ताव को सभी ने एक मत से स्वीकार किया।

 

कैसे होगा अनुपयोगी बोतलों का प्रयोग 

प्लास्टिक की एक लीटर मिनरल वाटर वाली खाली बोतलों में रेत , बालू या लौह अयस्क की अवशिष्ट राख ( स्टील प्लांट से निकली स्लैग रख जिसे फेक दिया जाता है) को भरकर ईंटों के विकल्प के रूप में प्रयुक्त किया जायेगा। अवशिष्ट सामग्री से बनने वाली शौचालय को पर्यावरण दिवस 5 जून से पहले तैयार कर लेने का लक्ष्य है , जिसका निर्माण कार्य एक दो दिन में आरम्भ हो जायेगा।

 

इसके पीछे उद्देश्य

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संजय कुमार ने कहा कि जमशेदपुर शहर में स्लैग ऐश एवं प्लास्टिक की खाली बोतलों की भरमार है इसलिए इनका संरचनात्मक उपयोग होने से शहर की स्वच्छता बढ़ेगी  दूसरी ओर ईंट बनाने में उपयोगी भूमि परत की मृदा प्रयुक्त होती है जो कि अपने आप में एक सम्पदा है इसलिए ईंट के विकल्प के रूप में अवशिष्ट पदार्थों को प्रयोग करना भी पर्यावरणीय हित में है।  उन्होंने कहा कि इस नवाचार के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह सन्देश देना है कि अपशिष्ट पदार्थों का भी सदुपयोग किया जा सकता है।  कहा कि यह शौचालय सिर्फ प्रायोगिक दृष्टिकोण से बनाया जा रहा है , अगर परिणाम अच्छा रहा तो इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जायेगा।

कहाँ से आएंगे बोतल 

इस  शौचालय बनाने में लगभग 3000 खली बोतलों की जरूरत होगी जिनमें से कुछ बोतल  समीप स्थित रिवर व्यू कालोनी के घरों से इकट्ठे किये जायेंगे , जबकि बड़ी मात्रा में अनुपयोगी खाली बोतलें विद्यालय के छात्र एवं अभिभावक अपने घरों से लेकर जमा करेंगे।

उत्साहित और खुश दिखी मौन्द्रिता

संजय कुमार द्वारा इस पायलट योजना में खुद को शामिल किये जाने पर 13 वर्षीय छात्रा मौन्द्रिता काफी उत्साहित दिखी, उसने कहा कि एक नयी पहल में शामिल होकर वह गौरवान्वित महशूस कर रही है।

मौजूद थे

इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक सह प्रबंध समिति सदस्य एम् आर सरकार , टाटा मोटर्स के सेवानिवृत्त एजीएम एसके दास गुप्ता , अमिताभ चटर्जी , स्वीटी चटर्जी आदि मौजूद थे।

 

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