चाईबासा-रेत पर इमारत बनाती भाजपा : त्रिशानु राय

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चाईबासा।

कांग्रेस जिला सचिव सह मीडिया प्रभारी त्रिशानु राय ने मंगलवार को धर्मांतरण मुद्दे पर प्रेस को प्रतिक्रिया देते हुए कहा भाजपा धर्मांतरण को झारखंड का सबसे बड़ा मुद्दा बनाने में लगी हुई है क्योंकि राज्य की भाजपा सरकार सीएनटी/एसपीटी कानूनों में संशोधन, लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने और राज्य के विकास एवं सुशासन के मोर्चे परपिट चुकी है।यह बहुत स्पष्ट हो चुका है कि 2019 के चुनाव में धर्म आधारित विवाद ही भाजपा को बचा सकता है।ऐसी परिस्थिति में आदिवासी एकता को तोड़ने के लिए धर्मांतरण का मुद्दा ही सबसे कारगार है। इसलिए धर्मांतरण कोराज्य का सबसे बड़ा मुद्दा बनाने के लिए भाजपा के नेता बड़ेपैमाने पर झूठ का सहारा ले रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और संघ प्रचारक इसमें जुटे हुए हैं। लेकिन यहां मौलिक सवालयह है कि भाजपा नेताओं को धर्मांतरण के मसले पर झूठ बोलने, लोगों को गुमराह करने और झूठा आँकड़ा पेश करने की क्यों जरूरत पड़ रही है?

राय ने कहा इसका अर्थ यह है कि राज्य में ईसाई धर्मावलंबियों कीजनसंख्या में पिछले सात दशकों में 1 प्रतिशत की भी वृद्धि नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में धर्मांतरण राज्य के लोगों लिए कोई मुद्दा नहीं है इसलिए भाजपा नेता झूठ बोलकर, लोगों कोगुमराह कर और फर्जी आँकड़ा पेश कर इसे मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं। इसकी शुरूआत झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ही की है। सीएनटी/एसपीटी कानूनों के संशोधन के मसले परघुटने टेकने के बाद इस मसले को दफन करने के लिए उन्होंने धर्मांतरण का मुद्दा उछाला क्योंकि ऐसी स्थिति बन गई थी किउनका कुर्सी जाना तय था। मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने तथा भाजपा की साख को वापस लाने लिए उन्होंने बड़ी चतुराई के साथ धर्मांतरण का मुद्दा उछाल दिया। भाजपा नेताओं को मालूम होना चाहिए कि झूठ के बुनियाद परगढ़ा गया धर्मांतरण का मुद्दा ज्यादा दिन तक टिकने वाला नहींहै। झारखंडी लोग भाजपा सरकार से स्थानीय नीति, भूमि बैंकके नाम पर जमीन लूट, सरना कोड, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पनस्र्थापना कानून 2013 के संशोधन, प्राकृतिक संसाधनों का कारपोरेट लूट जैसे मुद्दे पर घेरेंगे। इसलिए भाजपा नेताओं को बालू पर इमारत बनाने के बजाय समय रहते राज्य के मूलमुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए इनका समाधान निकालना चाहिए क्योंकि सरना-ईसाई का मुद्दा उन्हें ज्यादा दिनों तक सत्ता नहीं दिलायेगा।

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