चाईबासा-उत्कल ब्राह्मण समाज के सम्मेलन में शिरकत किये जिला व सत्र न्यायाधीश कवि व अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष षाड़ंगी
उत्कल ब्राम्हण समाज के सम्मेलनी में संस्कार, शिक्षा एवं भाषाई ज्ञान संरक्षण पर चर्चा
चक्रधरपुर/सराईकेला
सरायकेला कुदरसही शिवालय परिसर पर रविवार को उत्कल ब्राम्हण समाज का सम्मेलन हुआ जिसमें पूरे कोल्हान प्रमंडल क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से समाज के बुद्धिजीवी एवं युवा वर्ग की उपस्थिति रही। केंद्रीय समिति अध्यक्ष भुवनेश्वर सतपथी के अध्यक्षता में आयोजित उक्त कार्यक्रम का संचालन निर्मल आचार्य द्वारा किया गया। अल्प संख्यक आयोग के उपाध्यक्ष अशोक सारंगी ने मौके पर कहा कि हमें अपनी प्राचीन ऐतिहासिक परम्परा एवं संस्कार को हर हाल में संरक्षित रखते हुए समाज के विकास को प्रयासरत रहना है। आज संस्कृत शिक्षा की सुविधा नहीं है संस्कृत वैदिक विद्यालय स्थापना के साथ ही विद्यालयों मे संस्कृत शिक्षा प्रारम्भ कराने को लेकर सरकार को लिखे हैं। कहा कि उड़ीसा सरकार से भी वार्ता किये हैं कि सरायकेला खरसावां एवं चक्रधरपुर में उत्कल सम्मेलनी की ओर से चल रहे भाषा शिक्षा को अन्य विद्यालयों में भी प्रारम्भ किया जाय ताकि इच्छुक अभिभावकों को अपने बच्चों को उड़िया शिक्षा प्राप्त कराने में असुविधा न हो।
पश्चिम सिंहभूम के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोरंजन कवि ने भी भाषा शिक्षा एवं संस्कार संरक्षण पर बल देते कहा कि सभी घरों में अनिवार्य रूप से गीता पाठ की परंपरा को जारी रखनी चाहिये। यह भी ध्यान रखा जाय कि समाज का कोई सदस्य अर्थाभाव के करण शिक्षा प्राप्त करने में असफल हो रहा हो तो संस्था की ओर से उसे सहायता उपलब्ध कराया जाय। सरायकेला बार अध्यक्ष विश्वनाथ रथ, उत्कल सम्मेलनी के सभापति रविन्द्र मिश्र, के पी दुबे, के सी दाश सहित समाज के अन्य प्रबुद्ध जनो ने भी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सामाजिक एकता एवं विकास पर अपने अपने विचार व्यक्त किये। स्वागत सम्बोधन सत्यकिंकर दाश उर्फ रुइदाश ने तथा धन्यवाद ज्ञापन बादल दुबे द्वारा किया गया इसकी जानकारी प्रेस प्रवक्ता मधुसूदन महापात्रा ने दी।
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