चतरा-जिले के 103 शिक्षकों की बरखास्तगी के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पर उठ रहा है सवाल

106
AD POST

 

चतरा ।

तथ्य छुपाकर योगदान देने वाले जिले के 103 शिक्षकों को नौकरी से बरखास्त कर दिया है। यह कार्रवाई डीसी संदीप सिंह की अध्यक्षता में पिछले 15 अप्रैल को हुई शिक्षा विभाग की स्थापना समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में किया गया है। बरखास्त किए गए सभी शिक्षक 16 जनवरी 2016 को जिले के विभिन्न विद्यालयों में योगदान दिया था। शिक्षकों की बरखास्तगी के बाद शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। विभाग ने अभ्यार्थियों के आवेदन को बिना जांचे परखे आंख बंद कर इनकी नियुक्ति कर लिया।

क्या है मामला

AD POST

बरखास्त किए गए शिक्षक अपने नियुक्ति अभ्यावेदन में पूर्व में पारा शिक्षक होने की सच्चाई को छुपा लिया था। अभ्यावेदन के कंडिका 20 में एक कॉलम था, जिसमें पारा शिक्षक व गैर पारा शिक्षक भरना था। उपरोक्त सभी शिक्षकों ने उक्त कॉलम को खाली छोड़ दिया। जिसके बाद काउंसेलिंग में इन्हें गैर पारा शिक्षक श्रेणी का अभ्यार्थी मानकर इनकी नियुक्ति कर ली गई। लेकिन इन शिक्षकों ने ट्रेनिंग के कॉलम में डीपीई लिखते हुए डीपीई प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र जमा कराया है। जबकि डीपीई का प्रशिक्षण झारखंड में सरकार के द्वारा सिर्फ पारा शिक्षकों को ही कराया गया है। ऐसे में नियुक्ति के एक साल बाद जांच में यह मामला प्रकाश में आया। जब इस मामले की जांच की गई तो उपरोक्त सभी बरखास्त पारा शिक्षक कहीं न कहीं पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत निकले। इस तरह बरखास्त शिक्षकों ने तथ्यों को छुपाकर नौकरी ज्वाईन तो कर ली, लेकिन एक साल के बाद इन्हंे नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

बरखास्त किए गए शिक्षक

बरखास्त शिक्षकों में हरधन रजक, संतोष कुमार पांडेय, निरंजन कुमार महतो, गोपाल कुमार ठाकुर, मनाउअर अहमद, शिवबचन महतो, युगल किशोर महतो, जगदीश चंद्र महतो, महेश्वर दास, मो. शमशाद आलम, अमर कुमार विश्वकर्मा, विनोद कुमार मिस्त्री, मनोज प्रसाद यादव, मो. आरिफ अंसारी, मो. नसरुल अंसारी, रीसान अंसारी, मो. मोईद अंसारी, विनोद कुमार राम, फिरोज अख्तर, कमाल हसन अंसारी, दिलीप कुमार, कुलदीप कुमार राय, सुधीर महतो, शिव शंकर उपाध्याय, उमेश प्रसाद, नंदगोपाल तिवारी, सुरेश प्रसाद महतो, भीम महतो, शिव पूजन महतो, सुनील कुमार, रणवीर कुमार सिंह, सत्यनारायण यादव, रंजीत कुमार यादव, दिनेश कुमार, विनोद यादव, मनोज कुमार राय, सुखदेव यादव, परमानंद कुमार, संजय यादव, विनोद कुमार, विनय शंकर, प्रदीप राम, मृत्युंजय प्रसाद, गुरुचरण दास, महादेव राम, आनंद राम, अनुप दास,उत्तम कुमार, मनोज कुमार रजक, रंजीत दास, संतोष कुमार चौधरी, जमुना दास, महेश्वर दास, मंतोष हाजरा, बटेश्वर दास, हासीम अंसारी, बालेश्वर प्रजापति, रोहित कुमार महतो, कृष्ण कुमार प्रजापति, अनंत लाल महतो, रियाज अंसारी, प्रयाग महतो, राधा महादेव पंडीत, मो.सुफियान अहमद, शिबू दिबार, जागेश्वर महतो, उत्तम महतो, नागेश्वर सिन्हा, प्रवीण कुमार मेहता, सावित्री कुमारी, मुर्शिद आलम, एकबाल अंसारी, मो. इरफान हुसैन अंसारी, मो. इकराम, बीरेंद्र मोदी, अजय कुमार, अर्जुन कुमार मंडल, बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, धनेश्वर साव, विनोद कुमार वर्मा, दिगंगर प्रसाद वर्मा, रंजीत कुमार, नेमधारी महतो, संजय कुमार, विनोद कुमार महतो, फागु रविदास, अशोक रवानी, महेश साव, निर्भय कुमार, शंकर साव, मो. मतिन अंसारी, बासुदेव महतो, सुनील कुमार भंडारी, बटेश्वर दास, अनंत प्रसाद रजक, सुरेंद्र प्रसाद, राजेश कुमार महतो, उमेश प्रसाद साहू, प्रयाग मंडल, नयन कुमार मंडल, राजेंद्र यादव, अर्जुन महतो व मनोज कुमार शामिल हैं।8

काउंसेलिंग पर उठ रहे हैं सवाल

शिक्षकों की बरखास्तगी के बाद विभाग के क्रियाक्लाप पर सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक नियुक्ति को लेकर जिले में आठ राउंड की काउंसेलिंग हुई थी। काउंसेलिंग में अभ्यार्थियों के आवेदन के साथ-साथ उनके द्वारा शामिल किए गए शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की गई थी। जब अभ्यार्थी पारा शिक्षक /गैर पारा शिक्षक के कॉलम को खाली छोड़ दिया था तो फिर इनके आवेदन रिजेक्ट क्यों नहीं किया गया। जब आवेदक डीपीई प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट शामिल किया था, तो फिर इनसे पारा शिक्षक होने का सवाल क्यों नहीं पूछा गया। इस कार्रवाई के बाद पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। चतरा में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया निवर्तमान जिला शिक्षा अधीक्षक अखिलेश चौधरी की देखरेख में हुई थी। वर्तमान जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्योद्धन महतो कहते हैं कि यदि काउंसेलिंग के समय इनके आवेदन सही से जांच किए जाते तो इनके आवेदन ही रिजेक्ट हो जाता। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सेवा मुक्त कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए विभाग के दिशा निर्देश मांगा गया है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More