चक्रधरपुर।
एक तरफ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने एवं गुणवत्ता आधारित शिक्षा के लिए लगातार घोषणा कर रही है वहीं दूसरी ओर कई विद्यालय ऐसे हैं जो समस्याओं से घिरे हुए हैं स्वच्छ भारत अभियान के तहत भी लगातार कार्यक्रम किए जा रहे हैं प्रचार प्रसार की जा रही है पर वही विद्यालय भवनों में शौचालय का निर्माण कार्य अधूरी पड़ी हुई है यहां तक की शौचालय तक पानी की व्यवस्था के लिए की गई बोरिंग को भी आधे अधूरे में छोड़ दी गई है इस तरह का उदाहरण चक्रधरपुर प्रखंड मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित हथिया मध्य विद्यालय की है यहां पर लगभग 438 विद्यार्थी हैं विद्यालय भवन तो है पर शौचालय का कार्य
अधूरी पड़ी हुई है ।शौचालय भारत कोल लिमिटेड की ओर से बनाई गई है जहां पर बोरिंग का कार्य कर छोड़ दिया गया है यहां पर 12 शिक्षक पद स्थापित हैं जिसमें प्रधानाध्यापक दिनेश चंद्र प्रधान सहायक शिक्षक में कनाई राम
कुम्हार जगदीश चंद्र प्रधान कैलाश चंद्र प्रधान और शारतु प्रधान श्रवण कुमार प्रधान जयंती कुमारी
रेशमा एक्का,सुखमती सामाड, निर्मला गागराई पारा शिक्षक अम्बिका टोप्पो,यज्ञ सनी प्रधान यानी कुल 12 शिक्षक है शिक्षक भी लगभग ठीक ठाक हैं पर समस्याएं अनेक है स्कूल तक जाने वाली सड़क की स्थिति भी जर्जर है प्रधानाध्यापक दिनेश चंद्र प्रधान ने बताया कि स्कूल परिसर में ही एक पुराना सामुदायिक भवन है जो जर्जर अवस्था में है जो किसी भी समय गिर सकती है यह छात्र छात्राओं के लिए खतरे की घंटी है इस को तोड़ने के लिए भी कई बार सूचना दी गई पर अभी तक जस की तस स्थिति बनी हुई
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