संवाददाता ,जमशेदपुर ,२८ जनवरी
कदमा फार्म एरिया स्थित श्यामल सुमन का निवास स्थान लौहनगरी के तमाम कवि शायरों का आकर्षण का केन्द्र रहा है। इस बार भी इस राष्ट्रीय पर्व के दिन एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें शहर के लगभग सभी चर्चित रचनाकारों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। राष्ट्रीय फलक पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करने वाली डा० शान्ति सुमन, जलेस अध्यक्ष श्री नन्द कुमार उन्मन, डा० चेतना वर्मा और उद्योगपति साहित्य प्रेमी योगेन्द्र ठाकुर जी ने अध्यक्ष मंडल में स्थान ग्रहण किया और इस सम्मेलन का कुशल संचालन उमा सिंह द्वारा सफलता पूर्वक किया गया। हरिबल्लभ सिंह आरसी और नर्मदेश्वर पाण्डेय जी उपस्थिति से इस कार्यक्रम को और गरिमा मिली। एक ओर जहाँ राष्ट्र भाषा हिन्दी में कवियों ने कई विधाओं में अपनी कविताओं का पाठ किया तो दूसरी ओर उर्दू अदब के शायरों ने भी खूब वाहवाही बटोरी। एक ओर शिव कुमार झाटिल्लू -मैथिली भाषा में अपनी प्रस्तुति दी तो दूसरी ओर अमित रंजन पाण्डेयभोजपुरी में तो एक तरफ विमल किशोर विमल ने अंगिका भाषा में अपनी रचना का पाठ किया। कुल मिलाकर भारत की विविधता में एकता की तरह यह सम्मेलन शहर के विभिन्न भागों से आये श्रोताओं को अंत तक बाँधे रखा। करीब चार घण्टे तक चले इस कव सम्मेलन में शैलेन्द्र पाण्डेय शैल, रिजवान औरंगाबादी, कल्याणी कबीर, जूही झा,डा० अशोक अविचल, गीता नूर, मज़हर हबीबी, गौहर अजीज, वरुण प्रभात, ममता सिंह,मुजफ्फरपुर से आए कवि कृष्णमोहन प्रसाद मोहन, लक्ष्मी रानी लाल, अरुण कुमार नज़ीर अहमद नज़ीर, बैद्यनाथ ठाकुर बैजू, असर भागलपुरी, आदि करीब ५० कवियों ने भाग लिया। झारखण्ड श्रमजीवी पत्रकार संघ के महाससविव प्रमोद झा,मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर के महा सचिव ललन चऔधरी समेत विभिन्न
संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित शहर के तमाम हिस्सों से आए श्रोताओं की भीड़ अन्त तक लगी रही। जब डा० शान्ति सुमन ने अपना प्रसिद्ध गीत “इसीलिए अम्मा ने अपना गाँव नहीं छोड़ा” गाया तो दर्जनों आँखों मे आँसू आसानी से देखे जा सकते थे। सभा के अन्त में श्री योगेन्द्र ठाकुर ने हर साल की तरह सारे कवियों की कविताओं पर अपनी बेबाक टिपण्णी दी और धन्यवाद ज्ञापन श्यामल सुमन ने किया।
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