कत्थक की दुनिया में छोटी सी उम्र में बड़े  सम्मानों से भरी है शिंजिनी की झोली ……………

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koushik ghosh choudhury

आसमान में करोड़ों चमकते सितारे हैं उसी तरह धरती पर भी छोटे-छोटे चहकते बच्चे उन करोड़ों सितारों की तरह हैं। इन्हीं चमकते और चहकते धरती के सितारों में एक उभरता और चमचमाता सितारे के रूप में शिंजिनी बोस का भी नाम है।

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शहर के बारीडीह स्थित विजया गार्डन में रहने वाले इस बाल कलाकार ने अपने नृत्य की प्रस्तुति से अपने माता-पिता का ही नहीं शहर का भी गौरव बढ़ाना शुरू कर दिया है। शिंजिनी के पिता पंडित संदीप बोस एवं माता श्रीमती सौमि बोस शहर के प्रख्यात कत्थक नृत्य रचनाकार है I शिंजिनी प्रयाग संगीत समिति इलाहबाद से नृत्य विशारद की दीक्षा ले रही है I वैसे तो घर परिवार में नृत्य का संस्कार जन्म के पहले से ही था I डीoऐ०वि पब्लिक स्कूल की छात्रा शिंजिनी बड़ी होकर चित्रकार भी बनना चाहती हैं।

भारत सरकार से सहयोग :-
शिंजिनी को भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के अंतर्गत संस्था सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र से छात्रवृति प्राप्त हो रही है I

कत्थक में अर्जित किए कई पुरस्कार :-
आठ वर्ष की उम्र में पहला डांस अवॉर्ड स्कूल से हासिल किया, फिर देश के विख्यात कत्थक गुरू मधुमिता रॉय , परोमिता मोइत्रा एवं गौरी दिवाकर से कत्थक के पैंतरे सीखना शुरू किया । फिर शहर एवं देश के विभिन्न जगहों के शास्त्रीय नृत्य अनुष्ठानों में अपना प्रदर्शन दिया इसमें मुख्यतः भागीरथी नृत्य उत्सव एवं न्रित्यांजलि नृत्य उत्सव है ।

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