NEWS DESK –आज से शुरू 17 जुलाई से हो रहा है सावन मास चार सामवार और चार मंगलवार पडने के कारण इसकी महता औेर भी बढ गई है सावन का महिना पुजा और अराधना के लिये विशेष मानी गई है सोमवार का व्रत करके मन चाहा फल प्राप्त किया जा सकता है भगवान शिव की अराधना से संतान वर धन और एश्वर्य की प्रप्ती आसानी से की जा सकती है पौराणिक कथाओ के अनुसार यह भी मांयता है कि जब भगवान विष्णु चार माह के लिये शयनी में चले जाते है जिसके बाद सष्टि की देख भाल का दायित्व भगवान शिव पर होता है जिस कारण ये माह भगवान शिव को अर्पित है
जल अभिषेक का है खास महत्व
कहा जाता है कि अगर भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो केवल जल ही काफी है क्योकि पौराणिक कथाओं में वर्णन है कि इसी सावन के महिने में समुद मंथन के बाद जब हलाहल विष निकला था तो संसार को उसके दुष्प्रभाव से बचाने के लिये भगवान शिव ने उसे अपने कंठ में समाहित कर लिया था जिस कारण उनके सिर को ठंडा रखने के लिये देवताओं ने जलाभिषेक किया था
बेलपत्र है भगवान शिव को काफी प्रिय
ज्योतिष के जानकारो की माने तो भगवान शिव की पुजा बिना बेलपत्र की पुरी हो ही नही सकती शिवलिगं पर बेलपत्र अर्पित करने से भगवान जल्द ही प्रसन हो जाते है । इसके अलावा , धतुरा, आंकडा ,भांग, बभुति शिव को अतिप्रिय है ।
दुध, दही, शक्कर, घी ,गन्ने का रस भी श्रद्धा अनुसार शिव को अपित कर मनचाहा वरदान पाया जा सकता ।
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