सूचना तकनीक के माध्यम से झारखंड को विकसित राज्य बनाने में अधिक समय नहीं लगेगा- रघुवर दास

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रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य की गरीब से गरीब जनता के आंशू पांेछना हम सब की जिम्मवारी है। उन्हें समाज में उनके महत्व का अहसास होना चाहिए न कि उन्हें किसी भी प्रकार का धोखा न सहना पड़े। अनेक लोग जनता दरबार में जमीन से जुड़ी समस्याओं को लेकर आते हैं। ऐसा महसूस होता है जैस कहीं ने कहीं वे खुद को दबा महसूस करते हैं। सूचना तकनीकी व्यवस्था से बिचैलिये की भूमिका को हर हाल में हटाना होगा तभी उन्हें राहत पहुंचाई जा सकेगी। वे आज स्थानीय एटीआई के सभागार में म.ळवअमतदंदबम (ई-शासन) पर आधारित सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि म.ळवअमतदंदबम (ई-शासन) के माध्यम से अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और चुनौतियों का सामना करते हुए राज्य को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से विकसित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में म.ळवअमतदंदबम (ई-षासन) की दिशा में अनेकों कार्य हो चुके हैं। यह श्सुशासनश् की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है जो राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यह सम्पे्रषण का बेहतरीन माध्यम है एवं जनता तक सरकार सुविधाओं को पहुंचाने का शसक्त माध्यम है।
श्री दास ने कहा कि हमारे अधिकारी जिम्मेवार हैं,अपने कार्यों के प्रति उŸारदायी हैं। हम सब मिलकर सूचना तकनीक को माध्यम बनाते हुए कार्य करें तो राज्य को विकसित राज्य बनाने में अधिक समय नहीं लगेगा।
ष्नगर विकास मंत्री श्री सी॰पी॰सिंह ने कहा कि आम जनों में सरकार से अनेक अपेक्षायें हैं। सरकारी कार्यों को अधिक पारदर्षी एवं जवाबदेह बनाने की आवष्यकता है इसके लिये अधिकारियों को सकारात्मक सोंच के साथ कार्य करने की आवष्यकता है। आज वैष्विक क्रांति का युग है जिसमें सूचना तकनीक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार का पूरा समर्थन एवं दिषा निर्देष अधिकारियों को प्राप्त होता रहेगा एवं अधिकारीगण बेहतर से बेहतर कार्य करते रहेंगे,ऐसी अपेक्षा है।
इस अवसर पर सचिव सूचना तकनीक भारत सरकार श्री आर॰एस॰षर्मा ने कहा कि राज्य में स्थायी सरकार एवं सकारात्मक नेतृत्व प्राप्त है। निष्चित ही म.ळवअमतदंदबम (ई-षासन) को अपनाकर राज्य प्रगति करता रहेगा। उन्होंने म.ळवअमतदंदबम पर आधारित विस्तृत प्रस्तुति दिया जिसमें उन्होंने निबंधन परिवहन जन वितरण प्रणाली छात्र वृŸिा वाणिज्यकर उत्पाद जन-षिकायत निवारण कोषांग में सूचना तकनीक के उपयोग स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2005 से ही विभिन्न विभागों में कमप्यूटराईजेषन का कार्य आरंभ है। अतः झारखण्ड में म.ळवअमतदंदबम स्थापित करने में अधिक कठिनाई नहीं है। सर्वप्रथम ई-निबंधन एवं भूमि अभिलेख का कम्पयूटराजेषन पूरा करना आवष्यक है ताकि म्यूटेषन के कार्य सुविधा जनक तरीके से हो सके एवं भू-अभिलेख आम जनों के लिये सहज और सुलभ उपलब्ध हो। झारखण्ड में निबंधन एवं भू-अभिलेख की दिषा में काफी कार्य हो चुकें हैं। जन-वितरण प्रणाली में इसका उपयोग करते हुए लोगों तक जन सुविधाएं आसानी से दी जा सकती हैं। काॅपरेटिव बैंक गा्रमीण स्तर पर विŸिाय आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट के माध्यम से सरकार को प्राप्त होने वाली राजस्व में भी काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के कंसेप्ट को धरातल पर उतारने में म.ळवअमतदंदबम (ई-षासन) सहायक होगा।
मुख्य सचिव राजीव गौबा ने कहा कि म.ळवअमतदंदबम (ई-षासन) मात्र एक तकनीक या सरकारी विभागों का कमप्युटराईजेषन नहीं है बल्कि सरकारी कार्य प्रणाली में बेहतर परिणाम एवं आम जनों को बेहतर सेवा देने का माध्यम है। तकनीकी का उपयोग कर हम राज्य में सुषासन के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
प्रधान सचिव सूचना तकनीक एनएन सिंन्हा ने कहा कि आज का युग तकनीक एवं म.ळवअमतदंदबम (ई-षासन) का युग है जो सरकारी कार्य प्रणाली को आसान एवं पारदर्षी बनाता है।
बैठक में सभी विभागों के प्रधान सचिव/सचिव समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे

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