अरूण कूमार
ईचागढ– थाना क्षेत्र के पिलीद जंगल मे गुरूवार को 7 हाथीयों का झुंड पहूँचा । झुंड मे 6 बङा एवं 1 बच्चा हाथी है । हाथीयों का खबर फैलते ही ग्रामीणों का हूजुम पिलीद जंगल मे हाथी देखने उमढ पढे । हाथीयों का झुंड पहूँचने की.खबर से ग्रामीणों मे दहशत का माहौल है । मालुम हो की पिलीद ,रघुनाथपूर , खेङवन में तीन महिला सहित 12 लोगों को हाथीयों ने जान से मार डाला है । हाथीयों के डर से क्षेत्र मे हाथी आते ही जान माल एवं घरों की सुरक्षा के लिए रात जगा करते हैं । 15 वर्षों से ईस क्षेत्र मे हाथीयों का उत्पात जारी है । हाथीयों से सुरक्षा के संवंध मे वन क्षेत्र पदाधिकारी सी एन त्रिपाठी ने बताया की हाथी प्रभावित गाँवों मे हाथीयों को गाँव घुँसने से बचाने के लिए दस्ता का गठन किया गया है । हाथीयों द्वारा घर तोङने , फसल रौंदने, अनाज खाने का प्रतिबर्ष लाखों रूपये मुआवजा दीया जाता है । ग्रामीणों ने स्थाई समाधान करने का मांग कय बार सरकार से किया गया है ।प्रथम बर्ष 2008 को रघुनाथपूर के 40 बर्षीय लीलु देवी, 2009 को खेङवन जामडीह के 55 बर्षीय दशरथ महतो, 2011 को पिलीद के चारू देवी 60 वर्ष, 2012 को रघुनाथपूर के तीलका महतो, 2013 खेङवन के भजहरी महतो, एवं रघुनाथपूर केबीष्टू महतो एक ही दिन दोनो, 2014 को सालुकडीह के शशी महतो, 6 नवम्वर 015 को रघुनाथपूर के दिवाकर महतो,3 दिसम्वर 015 को जामडीह के रोपा कुमारी , 11 सितम्वर 016 को हरतालडीह के सम्बद महतो को हाथी ने जान से मार दीया था ।
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