सरायकेला-खरसावां ।
चांडिल डैम में शनिवार की शाम पानी बढ़ने के बाद आठ फाटक खोल दिए गए। इससे स्वर्णरेखा नदी का पानी बढ़ गया और जायदा शिव मंदिर में करीब चार सौ कांवरिया और लोग बाढ़ से घिर गए। इससे अफरातफरी मच गई। प्रशासन ने आधी रात सभी को सुरक्षित वहां से निकाला।
इसके लिए चांडिल डैम के फाटक को करीब दो घंटों के लिए बंद कराया गया। फाटक बंद होने से स्वर्णरेखा नदी में जलस्तर कुछ कम हो गया। एसडीओ भागीरथ प्रसाद एवं चौका थाना प्रभारी अंजनी कुमार सिंह ने पुलिस बल के साथ लगभग 4 सौ कावंरिया व अन्य लोगों को आधी रात को मंदिर परिसर से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इनमें 70 महिलाएं भी थीं। मंदिर खाली करा देने के बाद डैम के फाटक को फिर से खोल दिया गया।
इसके बाद मंदिर की पुलिया फिर से डूब गई। इधर, प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से पुलिया के पास बैरेकेडिंग कर दी है तथा कांवरियों को मंदिर जाने पर रोक लगाई दी गई है।
प्रशासन पर आरोप : जायदा प्राचीन शिव मंदिर के महंत केशवानंद सरस्वती ने कहा कि प्रशासन को इंतजाम करने के लिए पहले ही लिखित सूचना दी गई थी। इसके बावजूद ध्यान नहीं दिया गया। कई कांवरिया मंदिर में पूजा किए बगैर लौट गए।
फाटक बंद होने के बाद डैम का जलस्तर बढ़ा : जायदा शिव मंदिर में फंसे हुए कांवरियों को निकालने के लिए प्रशासन ने डैम के फाटक को दो घंटा के लिए बंद करा दिया। इसके बाद डैम का जलस्तर बढ़कर 182.10 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने के बाद कई विस्थापित गांव में पानी घुस गया। इसके बाद आधी रात को कई परिवारों के लोगों ने सुरक्षित जगह पर आश्रय लिए। मंदिर में जल उठाने गए थे कांवरिया : महंत केशवानंद सरस्वती ने बताया कि मंदिर में कांवरिया पूजा कर जल उठाने आए थे। वे सोमवार को पश्चिम बंगाल के बाड़ेदा शिव मंदिर में जल चढ़ाने जाने वाले थे। पुलिया डूबने के बाद कई कावंरियों ने जान जोखिम में डालकर नदी पार किया।
25 सौ क्यूमेक पानी छोड़ा : चांडिल डैम का जलस्तर 181.90 मीटर पहुंच जाने के बाद ईचागढ़, गाढ़ाडीह, मैसढ़ा, लेप्सोडीह गांव में देर शाम पानी घुस गया। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनय वर्णवाल ने बताया कि डैम से 25 सौ क्यूमेक पानी नदी में छोड़ा गया। शनिवार सुबह डैम का जलस्तर 180.40 मीटर पर था। रांची में हुई बारिश के बाद कुछ ही घंटों में डैम का जलस्तर डेढ़ फीट तक बढ़ गया।
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