सरायकेला।
एक वर्ष पूर्व अस्तित्व में आयी जन सेवा समिति का फिनिशिंग स्ट्रोक इतना जोरदार था कि स्टेशन में काम दिखने लगा और सारा श्रेय समिति के खाते में जाने लगा है. अक्सर लोग किसी भवन की सुंदरता में सबसे उपर लगी ईंट की प्रशंसा करते हैं. नींव के ईंट की भूमिका नहीं दिखती है. जन सेवा समिति उतना भी कृतघ्न नहीं है कि दूसरों का श्रेय खुद लूट ले.
बात 1999 की है. एक जनप्रतिनिधि (अब स्वर्गीय) दुर्गा चरण तिउ और उनकी श्रीमती की अगुवाई में प्रकाश कुमार राजू और अन्य युवकों ने ट्रेन ठहराव और यात्री सुविधाओं के लिए सबसे पहले मांग पत्र सौंपा था. बाद के वर्षाें में ईश्वर चंद्र भुंई, होनी सिंह मुंडा, विजय साव आदि ने अलग अलग बैनर पर मुहिम को आगे बढ़ाया. स्टेशन में हुए एकदिवसीय धरना प्रदर्शन में कालीपद सोरेन, श्री गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी टायो, टायो काॅलोनी वासी शामिल हुए थेएक वर्ष पूर्व सभी बैनरों का विलय करके जन सेवा समिति का गठन किया गया और पुरानी मांगों को धार देकर सांसद की सहायता से आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाया गया.
दिसम्बर माह रेलवे जी एम का काण्ड्रा में सम्भावित दौरा
दिसम्बर माह में सी के पी डिवीजन में रेलवे जी एम का प्रस्तावित दौरा है. तारीख तय होना बाकी है. कार्यक्रम के अनुसार वे काण्ड्रा स्टेशन का भी निरीक्षण करेंगे. रेलवे स्टेशन व बाहरी रेल परिसर का सौन्दर्यीकरण और मूलभूत रेल यात्री आवश्यकताएं तबतक पूरा हो जाने की उम्मीद है. शेष काम 30.06.2018 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य दिया गया है. (जैसा कि रेलवे काॅन्ट्रेक्टर द्वारा बताया गया)
जन सेवा समिति ने किया सिविल वर्क का निरीक्षण
प्लेटफार्म सं 1/2 और 3 में एक साथ काम शुरु कर दिया गया है. आज प्लेटफार्म संख्या 3 में कंक्रीट ढलाई का काम शुरु किये जाने की सूचना मिलने पर जसेस के सदस्य मौके पर पहूंचे और काम का जायजा लिया गया. मौका पर रेलवे सिविल वर्क के तकनीकी अधिकारी दोपहर 1 बजे तक नहीं पहूंचे थे. कंक्रीट ढलाई में बालू की जगह ठीकेदार द्वारा क्रशर डस्ट का उपयोग किया जा रहा है. दूसरी जगहों में लाल ईंट के बजाय फ्लाई ऐश की ईंटें लगायी जा रही हैं. ठीकेदार ने कहा कि बालू और लाल ईंट के विकल्प के रुप में क्रशर डस्ट और फ्लाई एश की ईंट विभाग द्वारा मान्य हैं. रेलवे के सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त कथन की पुष्टि नहीं की जा सकी है.
काम के दौरान सुरक्षा की अवहेलना
प्लेटफार्म संख्या 2/3 के बीच बनाये जा रहे यात्री शेड में उंचाई पर काम करने वाले मजदूरों को सेफ़्टी बेल्ट और हेलमेट दिये बगैर उनसे काम लिया जा रहा है. असावधानी वश कभी भी घटना घट सकती है. समिति सदस्यों ने उस ओर ठीकेदार का ध्यान आकृष्ट कराया है.
काम देखने पहूंची जसेस टीम में मुखिया शंकरी सिंह, उप मुखिया अनिल सिंह, डा योगेन्द्र, आर के राय आदि थे.
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