सुदेश कुमार
सरायकेल-खरसावॉ(चाण्डिल) लगातार लगभग बारिस ने विस्थापितों के जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया । जहां प्रसाशन ने विस्थापित बाढ़ पिड़ितों के लिये व्यवस्था का दाबा किया । चोथे दिन राहत के लिए लिये पदाधिकारीयों को कैम्प में भेजा गया । जिस मामले को लेकर विस्थापित रहात समाग्री और स्वास्थ्य सेवा लेने से इंकार किया और अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष तीन दिवसीय घरना प्रर्दशन पर वैठे । विस्थापितो ं का कहना है कि इन्दिरा गांधी के सरकार के समय जो हमारे बाप-दादा के साथ एकरार किया गया था । उस अधार पर भुगतान एवं नौकरी दे। पुनः जांच कर मुआवजे को वर्त्तमान स्थिति के अधार पर भुगतान किया जायें । अव किसी राजनिति नेताओं के छल प्रपच में नही आयेगें विस्थापित । विभाग इस मामले को गंभीरता से नही लेती है तो तीन दिवसीय आन्दोलन के बाद जिस तरह प्रसाशन विना नोटिश के 184 पानी से विस्थापितों को डुबोया है उसी प्रकार हम विस्थापित विना ज्ञांपक के ही कार्यालय में ताला जडेगें । इस मौके पर श्यामल मार्डी, अभय यादव, गिडु यादब एवं सैकडों विस्थापित उपस्थित थे ।
Comments are closed.