रांची-दुमका केस में 14 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना भी

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रांची। बीमार लालू प्रसाद के लिए रांची की सीबीआइ कोर्ट से शनिवार को बेहद बुरी खबर आयी. दुमका कोषागार से निकासी से जुड़े केस संख्या RC 38A/96 में लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ के विशेष जज शिवपाल सिंह ने 14 साल के कारावास की सजा सुनायी. 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की राशि नहीं देने पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो को 2 (1-1) साल अतिरिक्त जेल में बिताना होगा. चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद के लिए यह सबसे बड़ी सजा है. इसी मामले में केके प्रसाद, अजित कुमार वर्मा, गोपीनाथ दास, अरुण कुमार सिंह, विमल कांत दास समेत सभी अभियुक्तों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनायी गयी है. सभी पर 15-15 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सजा पूरी होने के बाद 9 महीने और जेल में रहना होगा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई में लालू प्रसाद को छोड़कर बाकी सभी अभियुक्त शामिल हुए. लालू की ओर से सीबीआइ की अदालत के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी जायेगी. लालू के बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि सभी 4 फैसलों को पढ़ने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए समग्र रणनीति बनायेंगे.

चारा घोटाला में सीबीआइ की ओर से पैरवी कर रहे वकील विष्णु शर्मा ने कहा कि लालू प्रसाद को इंडियन पीनल कोड (IPC) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (PC Act) में 7-7 साल के कारावास की सजा हुई है. दोनों मामलों में 30-30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसलिए दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगी. यानी 7 साल की सजा खत्म होने के बाद दूसरी 7 साल की सजा शुरू होगी. इस मामले में दोपहर दो बजे फैसला आना था, लेकिन सीबीआइ की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह ने अचानक 11 बजे सजा का एलान कर दिया.

अविभाजित बिहार के सबसे बड़े घोटाला के चौथे मामले RC 38A/96 में लालू प्रसाद समेत 19 लोगों को 21 मार्च को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था. बिहार के एक और पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र समेत 12 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था.

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लालू प्रसाद समेत दोषी ठहराये गये सभी 19 लोगों की सजा के बिंदुओं पर तीन दिन (21 से 23 मार्च तक) सुनवाई हुई. इसके बाद शनिवार को सजा का एलान किया गया. शुक्रवार को लालू प्रसाद को हाइकोर्ट से भी झटका लगा, जब चाईबासा कोषागार से निकासी के मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी.

ज्ञात हो कि दिसंबर, 1995 से जनवरी, 1996 के बीच दुमका कोषागार से 96 फर्जी बिल के आधार पर पशु चारा और दवा के नाम पर 3.13 करोड़ रुपये की निकासी की गयी थी. इसी मामले में सोमवार को रांची की सीबीआइ की विशेष अदालत में लालू प्रसाद यादव समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया गया था.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि चारा घोटाला के तीन केस में लालू प्रसाद को पहले ही 13.5 साल की सजा हो चुकी है. पहले मामले में सजा होने के बाद से ही वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से वह रांची के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में इलाज करा रहे हैं. लालू को डोरंडा और चाईबासा कोषागार से निकासी के दो मामलों में 5-5 साल की सजा हुई है, जबकि देवघर कोषागार से निकासी मामले में 3.5 साल की सजा हुई थी.

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