
कई आदिवासी संगठनो ने गैर आदिवासी मुख्यमंत्री का किया विरोध
संवाददाता.जमशेदपुर,28 दिसबंर
जमशेदपुर मे घाटशिला के पूर्व विधायक रामदास सोरेन ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा की रविवार को रघुवर दास के झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप मे शपथ लेते ही झारखंड का अस्तित्व खत्म हो जाएगा उन्होने आगे कहा की रघुवर दास हमारे किरायेदार है और किरायेदार मुख्यमंत्री बन रहा है एवं कहा की रघुवर दास गैर आदिवासी और गैर खतियानधारी है और ऐसे लोगो का मुख्यमंत्री बनना राज्य के लोगो के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है एवं कहा की देश के संविधान मे भी उल्लेख है की नए राज्य के गठन मे उस क्षेत्र के लोगो का उत्थान करना है एवं कहा की पहले भी भाजपा की सरकार मे दो दो आदिवाशी एमपी को इस्तीफा दिलवाकर मुख्यमंत्री बनाया गया क्या उस समय रघुवर दास नहीं था ? उन्होने कहा की जिस प्रकार 1927 मे बंगाल से बिहार अलग हुआ और 1952 मे पहली बार बिहार मे चुनाव हुआ एवं 1952 से पहले के सेटेलमेंट के आधार पर ही माना की सेटेलमेंट से पहले के लोग बिहारी होंगे उसी प्रकार झारखंड मे भी राज्य अलग होने से पहले जो सर्वे सेटेलमेंट हुआ है उसी आधार पर किया जाए और जब झारखंड मे सभी काम बिहार के पेटर्न पर चल रहा है तो झारखंड मे भी बिहार के नीति को क्यों नहीं माना जा रहा है एवं उन्होने कहा की जब मुख्यमंत्री ही गैरखतियानधारी बनेंगे तो स्थानीयता का आधार क्या होगा और क्या किरायेदार भी मुख्यमंत्री बन सकता है झारखंड के लोगो के लिए इससे शर्म की बात नही होगी ।उन्होने कहा की केवल सड़क – रास्ता बनाना ही विकास नहीं है यह तो अंग्रेज़ो के जमाने मे भी बनाया जाता था तो फिर हमने आज़ादी के लिए खून क्यों बहाया उन्होने कहा की जल्द ही झारखंड मे भी आदिवासी मुलवाशियों का नरसंहार शुरु हो जाएगा और क्या भाजपा के इतने विधायको मे आदिवासी मुलवासी नहीं है जो रघुवर दास को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है उन्होने कहा की रविवार को झारखंड के हर लोग अपने अपने तरीके से विरोध दिवस मनाएगा ।

झारखंड मे आदिवासी मुख्यमंत्री ही बनना चाहिए – सुदाम सोरेन
आदिवासी सेंगल अभियान के सुदाम सोरेन ने कहा की यह क्षेत्र संविधान की पाँचवीं अनुसूची मे आता है और यहाँ आदिवाशी मुख्यमंत्री ही बनाया जाना चाहिए उन्होने झारखंड के विकाश के लिए आदिवासी मुख्यमंत्री को बनाया जाना जरूरी बताया एवं रघुवर के मुख्यमंत्री बनने पर विरोध जताया ।
कई आदिवासी संगठनों ने गैर झारखण्डी मुख्यमंत्री किया विरोध
सरायकेला खरसांवा जिला के चाण्डिल अनुमंडल के पातकुम मियुजियाम में आदिवासी समन्वय समिति, पातकुम दिसोम मांझी परगना एंव कुड़ूक विकास परिषद् समिति ने संयुक्त रुप से शनिवार को बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में सभी संगठनों ने झारखण्ड के गैर आदिवासी मुख्यमंत्री का विरोध करते हुये कहा की । यदि झारखण्ड में आदिवासी मुख्यमंत्री नही होता है तो झारखण्ड के सभी आदिवासी संगठन व्यापक रूप से शांति पूर्ण रूप से आन्दोलन करेंगें । इस आन्दोलन में सरकार पहल नही करती है । झारखण्ड के तमाम संगठन उग्र आन्दोलन को लेकर सड़क पर उतरने को वाध्य होगों । पातकुम दियोम मांझी पारगाना के सदस्य श्यामल मार्डी ने कहा की आदिवासीयों के जल जंगल जमीन की रक्षा के साथ आदिम सांस्कृति को बचने के नाम पर झारखण्ड बनाया गया । पर कुछ स्वार्थी राजनेता आपने स्वार्थ सिद्ध के लिए झारखण्ड के सांस्कृति के साथ खेलने रहा है । झारखण्ड में गैर झारखण्डी मुख्यमंत्री बनाकर हम झारखण्डी के मुँह पर तमाचा है। मौके पर महेन्द्र नाथ टुडू, सुर्गी हांसदा, रामेश्वर बेसरा, विश्वजीत सारेन, फुलचांद मार्डी, दुबराज उरांव, फनिभूषन टुडू सहित संगठनों के सैकड़ों सदस्य उपस्थित
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