मुंबई।
तीन दिन में 100 करोड़ का बिजनेस करने वाली बजरंगी भाईजान फिल्म को उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा टैक्स फ्री कर दिया गया है। इससे पूर्व भी यूपी सरकार द्वारा कई फिल्मों को टैक्स फ्री किया गया है इस में न तो हमें कोई हर्ज है और न ही कोई ऐतराज मगर यूपी के सीएम साहब बड़े बजट की मोटी कमाई करने वाली फिल्मों को आपके द्वारा इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री किया जाता रहा तो इस प्रदेश के गरीबों का क्या होगा, इस बारे में भी यूपी सरकार को हर हाल में सोचना होगा।
माननीय मुयमंत्री जी राष्ट्रभक्ति या देश के विकास में चहुंमुखी भूमिका निभाने अथवा शिक्षा को बढ़ावा देने भू्रणहत्या रोकने आदि विषयों पर कम बजट की बनी अच्छी फिल्मों तक दर्शकों को पहुंचाने के लिए उन्हें टैक्स फ्री किया जाए तो अच्छा भी लगता है और उसका औचित्य भी नजर आता है कि कन्याओं की घटती संख्या में बढ़ोतरी के लिए शिक्षा अगर व्यक्ति को प्राप्त हो जाती है तो वह भ्रण हत्या की सोच ही नहीं सकता है अथवा ऐसे ही अन्य विषयों पर बनी फिल्मेें देश हित में और आम नागरिकों को तथा खासकर युवाओं को राष्ट्रभक्ति तथा देश की उन्नति में हिस्सा बनने की प्रेरणा देती है।
माननीय सीएम साहब, आपने फिल्मों को टैक्स फ्री किया आप प्रदेश के मालिक हैं, क्योंकि विपक्ष के पास अपने ही फजीहतों में उलझे होने के कारण ऐसे जनहित के मुद्दों पर टोका टाकी करने की या सोचने की शायद फुर्सत ही नहीं है, इसलिए आपको भी लगता होगा कि यह निर्णय सही है। परिणामस्वरूप कुछ सिपहसलारों की सलाह तथा बजरंगी भाईजान के निर्देशक कबीर खान के आग्रह पर आपने बजरंगी फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया।
मगर सीएम साहब, आपने शायद यह नहीं सोचा कि तीन दिन में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म यूपी में सबसे ज्यादा देखी जाएगी, क्योंकि यहां की आबादी अच्छी खासी है तो कमाई में भी इसकी बेइंतहा बढ़ोतरी होगी।
अगर टैक्स सरकार को करोड़ों में मिलता तो उससे प्रदेश के विकास को तो पंख लगते ही, गरीबों के हित की योजनाएं भी गति पकड़ती तथा यूपी का खजाना भरता तो आम आदमी को भी सुविधाएं मिलने की आशाएं बनतीं। जो बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री करने से मंद पड़ जाती हैं।
आदरणीय मुयमंत्री अखिलेश यादव जी, फिल्म निर्माण में जो छोटे और मध्यम दर्जे के लोग लगे हुए हैं अगर आप उनके आग्रह अनुरोध को मानकर उन्हें छूट दें तो वाकई आपकी भावनाओं के तहत फिल्म निर्माण को और इसमें दिलचस्पी रखने वाले बेरोजगारों तथा कम बजट की फिल्में बनाने वालों को बढ़ावा मिलेगा, वरना अगर एसी कमरों में सूट बूट पहने नौकरशाहों की सलाह मानकर बड़े बजट की मोटी कमाई करने वाली फिल्मों को छूट दी जाती रही तो किसी का भी भला होने वाला नहीं हैं और इन फिल्मों के निर्माणकताओं को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, इसलिए यूपी के लिए यह कुछ करेंगे उसकी भी उमीद आसानी से नहीं की जा सकती।
सीएम साहब, आप भी ग्रामीण पृष्ठभूमि में पल और बढ़कर आपने विदेशों में शिक्षा पाई, इसलिए आपको जमीनी ज्ञान से लेकर पूरे विश्व के बारे में अच्छी जानकारी है तथा आप आम आदमी के बारे में सोचते भी हैं, इसलिए अभी तक पिछले तीन साल में जितने भी उप चुनाव हुए आपको उनमें सफलता मिली। लेकिन अगर ऐसी हिट फिल्मों को छूट दी जाती रही तो प्रदेश सरकार के समक्ष कई आर्थिक कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं।
मुयमंत्री जी, भाई सलमान खान साहब की फिल्म खूब चल रही है, क्योंकि उनके प्रशंसकों की तादाद ज्यादा है और वो सोशल वर्क भी खूब करते हैं, इसलिए अच्छे भी लगते हैं लेकिन अगर ध्यान से देखें तो यह फिल्म घुसपैठ को बढ़ावा देने वाली महसूस होती है, क्योंकि जब पड़ोसी देश से हमारे यहां या हमारे देश से बच्चे भटक कर वहां चले जाते हैं तो उनकी वापसी के लिए कुछ कानूनी कार्रवाई करनी पड़ती है जिसे नजरअंदाज कर अपनी फिल्म में पड़ोसी देश से भटककर अपने यहां आ गई बच्ची को गोपनीय रूप से छोडऩे वहां भेज जाता है और यह अपने देश के कानून के भी खिलाफ भी लोगों द्वारा बताया जा रहा है।
रही बात फिल्म के विषय की, तो उसके बारे में तथा उसको लेकर कौन-कौन सी सोच उभर सकती है यह सोचना केंद्र सरकार के रक्षा गृह और कानून मंत्रालय का काम है।
मेरा तो यह भी मानना है कि छोटी-छोटी बातों पर आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर बड़े बड़े निर्णय प्रभावित करने वाले सूचना का अधिकार कार्यकर्ता इतने बड़े बजट की करोड़ों कमाने वाली फिल्मों को टैक्स फ्री क्यों किया जा रहा है, क्यों इतने बड़े मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे बैठे हैं।
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