
संवाददाता.जमशेदपुर,17 दिसबंर
जमशेदपुर के कई स्कुलो और कॉलेजो मे दो मिनट का मौन रखा कर पेशावर मे आंतकी हमला मे मारे गए बच्चो के लिए दो मिनट का मौन रखा और उनकी आत्मा की शांति के लिए पार्थना की ।
वही गोविन्द विद्यालय के विद्यार्थियों ने अपने शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ मंगलवार 16 दिसम्बर को तालिबानी बंदूकधारियों द्वारा पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में हमले की लोमहर्शक एवं वीभत्स घटना के खिलाफ एक शांति रैली निकाली। रैली को सुबह ग्यारह बजे स्कूल प्रांगण से विद्यालय के निदेशक डाॅ॰ ब्रह्मदत्त शर्मा ने बहुत दुखी मन से रवाना किया। रैली इस्लाम नगर, रोड नंबर 15, ओल्ड पुरूलिया रोड एवं टीओपी कपाली होते हुए वापस विद्यालय पहुँची। जहाँ दो मिनट का मौन धारण कर मृत-आत्माओं को श्रद्धांजलि देकर रैली का समापन हुआ।
रैली में बच्चों ने तरह-तरह की तख्तियाँ हाथों में ली हुई थीं, जिनमें लिखे संदेशों से जन-मानस को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया गया था। कुछ संदेश इस प्रकार हैं – हम बच्चे, हमारा क्या कसूर? हमें बर्बरता नहीं, ममता चाहिए। मासूम बचपन, आतंकवाद का शिकार! जिसके दिल में मासूमों के लिए प्यार नहीं वह इन्सान नहीं।
ग्रामीण क्षेत्रो के बच्चो ने भी घटना को बर्बरता पुर्ण बताया
जमशेदपुर से सटे कई ग्रामीण ईलाको के स्कूलो मे भी इस घटना की घोर निंदा करते हुए शिक्षको एवं छात्रो द्वारा बच्चो की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली दी गयी ।मौन रखकर श्रद्धांजली देने वाले स्कूलो मे राजकीयकृत उच्च विद्यालय जादूगोड़ा , उत्क्रमित मध्य विद्यालय इंचड़ा , एवं परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय मे भी मौन रखा गया ।

उत्क्रमित मध्य विद्यालय के छात्रो ने इस घटना पर विरोध जताते हुए कहा की
दीपा भकत – कक्षा आठ की छात्रा ने इस घटना की कठोर निंदा करते हुए कहा की आतंकवादियों द्वारा स्कूल के बच्चो का निर्मम हत्या मानवता का घोर हनन है हम इस घटना से दहल गए है ।
डोली भकत ( कक्षा सात ) ने कहा की आतंकियों का कोई धर्म और मजहब नहीं होता है ये सिर्फ मानवता का खून बहाते है एवं उसने कहा की स्कूल मे निर्दोष बच्चो की हत्या की जितनी भी निंदा की जाए कम है हम इस घटना से काफी डरे हुए है ।
नमृता सिंह ने कहा की निर्दोष छात्रो का हत्या किया गया है यह बहुत ही घिनोना काम है जिससे हमारे साथ पूरे दुनिया के बच्चे डरे हुए है इन आतंकियों पर कड़ी से कड़ी कारवाई होनी चाहिए और दुनिया से आतंकियों का नामोनिशाना मिटा दिया देना चाहिए ताकि सभी लोग छें और सुख से रह सके ।
कामी मांझी ने कहा की मे काफी डरी हुई हूँ और यह सोच रही हूँ की आंखीर बच्चो का क्या कसूर था उन्होने किसी का क्या बिगाड़ा था ।
ममिता सिंह ने कहा की इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है बच्चो का क्या कसूर था जो उन्हे इतनी निर्ममता से मारा गया ?
साहा रिंकू ने कहा की आतंकियों की इस घटना से सभी दहशत मे है सभी आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाए ।
जगदीश पात्रो ने कहा की छात्रो पर आतंकी हमला के बाद पूरी दुनिया के छात्र अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे है आंखीर बच्चो का क्या कसूर है जो उन्हे इतनी बेरहमी से मारा गया इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है ।